द एचडी न्यूज डेस्क : निर्वतमान बिहार विधान पार्षद इंजीनियर सच्चिदानंद राय आज सारण में निर्दलीय नामांकन पर्चा दाखिल कर दिए. अभी थोड़ी देर पहले सच्चिदानंद राय ने अपना नामांकन कर दिया है. सारण कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय में निर्वाचन अधिकारी सह डीएम के समक्ष निर्दलीय प्रत्याशी ने नामांकन किया. नॉमिनेशन के बाद बाहर आकर जनता को हाथ हिलाकर अभिवादन करते हुए दिखायी दिए. उनकेे नॉमिनेशन में सच्चिदानंद राय के अलावा छोटे बेटे कुमार सात्यकि भारी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे.
वहीं बीजेपी से टिकट कटने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिए हैं. जनता और पंचायत चुनाव में जीत कर आए जनप्रतिनिधियों को सहयोग से उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना लिया है. सच्चिदानंद राय के नामांकन में लोगों की जबरदस्त भीड़ उमड़ पड़ा है. भारी संख्या में लोग उनके नाम के जयकारे लगा रहे है.
नामांकन करने के बाद सच्चिदानंद राय ने मीडिया को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मान में पिछले छह सालों से गांव की गलियों में पंचायत प्रतिनिधियों के समस्याओं को सुनने और सम्मान के लिए कई कार्य किया हूं. एमएलसी के रूप में उनके समस्याओं को सड़क से लेकर सदन तक उठाता आ रहा हूं. राज्य सरकार के कई ऐसे निर्णय हुए हैं जो पंचायत प्रतिनिधियों के पक्ष में हैं. पंचायत प्रतिनिधियों को मजबूत करने के लिए कई योजनाओं पर काम चल रहा है. वह कई योजनाएं अधूरी है जिसके लिए मुझे विधान परिषद जाना जरूरी है. उक्त बातें भाजपा के वरिष्ठ नेता इंजीनियर सच्चिदानंद राय स्थानीय निकाय प्राधिकार चुनाव चुनाव में बागी प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कही.
उन्होंने कहा कि पिछले छह माह से नव निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मान में और उनके समस्याओं और नई पंचायती राज व्यवस्था के अनुरूप पंचायत सरकार चलाने के विचार विमर्श के कारण मैं काफी व्यस्त रहा. इस दौरान मैं प्रदेश नेतृत्व का परिक्रमा नहीं कर पाया. जिसके कारण मुझे टिकट से बेदखल किया गया है, लेकिन हमारे मन में आज भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को विश्व गुरु बनाने का सपना है. हालांकि यह चुनाव दलीय आधार पर नहीं होता. इस चुनाव में पंचायत प्रतिनिधियों के वकील के रूप में सदन में उनकी आवाज बुलंद करनी होती है. ऐसे में मैं सारण जिले के पंचायत प्रतिनिधियों का बेहतर वकील के रूप में कार्य किया हूं. जिस कारण टिकट कटने के बाद सैकड़ों की संख्या में आए पंचायत प्रतिनिधियों के दबाव पर मैंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है.
सच्चिदानंद राय ने कहा कि पिछले चुनाव है मेरा राजनीति अनुभव कुछ भी नहीं था. परंतु इस चुनाव में एक अनुभवी राजनेता की तरह मैं पंचायत प्रतिनिधियों के हक में बेहतर वकालत कर पाऊंगा. पंचायत प्रतिनिधियों के बेहतरी के लिए सदन में आवाज मजबूत करगा यह भरोसा पंचायत प्रतिनिधियों को है. जिसके कारण मेरी लड़ाई पंचायत प्रतिनिधि खुद लड़ रहे हैं यह कोई आम चुनाव नहीं है. आम जनमानस वोट प्रभावित करेगा. बल्कि ऐसा चुनाव है जहां चुने हुए जनप्रतिनिधि अपने प्रतिनिधि को चुनेंगे तो निश्चित रूप से व्यक्तित्व के हिसाब से या पूर्व के काम करने और पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मान के हिसाब से पंचायत प्रतिनिधियों का बेहतर विकल्प मैं हूं. उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों को एकजुट होकर दलगत भावना से ऊपर उठकर खुद के बेहतरी के लिए वोट देने की अपील की. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में उनकी लड़ाई किसी से नही है भारी मतों के अंतर से चुनाव जीतेंगे.
संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट