पटना : बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 66वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा 27 दिसंबर को आयोजित होगी. एडमिट कार्ड जारी होने के साथ ही परीक्षार्थिायों में असंतोष है और वो असमंजस की स्थिति में हैं. कई परीक्षार्थियों का सेंटर उनके घर से 300 से 350 किलोमीटर दूर किया गया है.

परीक्षार्थियों के मुताबिक कोरोना महामारी के कारण आने-जाने के साधन का जबरदस्त अभाव है. इतना ही नहीं ठंड भी चरम सीमा पर है. इस हालात में सरकार और लोक सेवा आयोग को चाहिए कि छात्रों के परीक्षा केंद्र नजदीक बनाए जाएं, जिससे परीक्षार्थियों को सुविधा मिल सके.
कंपीटिशन की तैयारी कराने वाले गुरु रहमान ने कहा कि परीक्षार्थी मानसिक तौर पर परेशान हैं. आने-जाने में परीक्षार्थियों को काफी दिक्कतें होगी. एक तरफ एनटीए इस कोरोना काल में स्टूडेंट्स को उनके शहर के केंद्र में परीक्षा देने का मौका दे रहा है. वहीं, बिहार में इस स्थिति को कोई नहीं समझ रहा है. अभी भी ट्रेनों का परिचालन नहीं हो रहा है. स्टूडेंट्स कैसे एग्जाम देने जायेंगे, यह महत्वपूर्ण प्रश्न है. आयोग को जिले के आसपास सेंटर देना चाहिए.

हैरानी की बात यह है कि पटना के स्टूडेंट्स का सेंटर मधुबनी, कैमूर और किशनगंज आदि शहरों में दिया गया है. जबकि, जमुई के स्टूडेंट्स का पूर्णिया और कटिहार जैसे शहरों में सेंटर है. आयोग पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं. स्टूडेंट्स को सेंटर चुनने का मौका देने की मांग भी हो रही है.