नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वर्चुअली चुनावी रैली को संबोधित किया. उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर भाजपा की ये पहली वर्चुअल रैली है. पीएम मोदी जन चौपाल कार्यक्रम के माध्यम से यूपी के शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, सहारनपुर और गौतमबुद्ध नगर के मतदाताओं को संबोधित कर रहे हैं.
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगरा से, उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा लखनऊ से जबकि केशव प्रसाद मैनपुरी से वर्चुअल रैली में जुड़ें हैं. विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यूपी में पांच साल पहले व्यापारियों को तबाह कर दिया था, बेटी घर से निकलने में कतराती थी, अपराधी सरेआम घूमते थे. जब यूपी दंगे की आग में जल रहा था, तब सपा सरकार उत्सव मनाती थी. पांच साल में योगी सरकार ने अब यूपी को इन हालातों से बाहर निकाल दिया.
पीएम मोदी ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि इतने कम समय में तकनीक के माध्यम से इतने सारे लोगों को जोड़ना, ये भाजपा कार्यकर्ताओं की दिन-रात की मेहनत का परिणाम है. एक जीवंत संगठन का ये सबूत है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ये वो धरती है, जिसने 1857 की क्रांति में देश को एकजुटता का संदेश दिया था. कमल के फूल और रोटी ने हमेशा देश को बांटने वालों को मुंह तोड़ जवाब दिया है. हम एकजुट रहेंगे, तो कोई हमें कभी परास्त नहीं कर पाएगा. हर एक का प्रयास ही उत्तर प्रदेश को ऊंचाई देगा. मां शाकुंभरी के आशीर्वाद से मैं इस चुनावी अभियान की शुरुआत कर रहा हूं.
पीएम ने आगे कहा कि बागपत, शामली, गौतमबुद्ध नगर, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर से हमारे साथ जुड़े प्रत्येक मतदाता का भी मैं अभिनंदन करता हूं. जब मैं पांच साल पहले चुनाव के समय पश्चिमी यूपी में आया था, तो आपसे कहा था कि यूपी के विकास के लिए हम कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे. इन पांच वर्षों में योगी के नेतृत्व में, यूपी सरकार ने पूरी ईमानदारी से, पूरी निष्ठा से, आपकी सेवा करने का, यूपी के विकास का प्रयास किया है.
उन्होंने कहा कि कोई भूल नहीं सकता कि पांच साल पहले यूपी को लेकर क्या चर्चा होती थी? पांच साल पहले- दबंग और दंगाई ही कानून थे, उन्हीं का कहा ही शासन का आदेश था. पांच साल पहले- व्यापारी लुटता था, बेटी घर से बाहर निकलने में घबराती थी और माफिया, सरकारी संरक्षण में खुलेआम घूमते थे. अपहरण, फिरौती और रंगदारी ने मध्यम वर्ग और व्यापारियों को तबाह करके रख दिया था.
पीएम ने कहा कि पांच साल में योगी सरकार उत्तर प्रदेश को इन हालातों से बाहर निकाल कर लाई है. पश्चिमी यूपी के लोग कभी नहीं भूल सकते कि जब ये क्षेत्र दंगे की आग में जल रहा था, तो पहले वाली सरकार उत्सव मना रही थी. पांच साल पहले- गरीब, दलित, वंचित, पिछड़ों के घर-ज़मीन-दुकान पर अवैध कब्ज़ा, समाजवाद का प्रतीक था. लोगों के पलायन की आए दिन खबर आती थी. हम यूपी में बदलाव के लिए खुद को खपा रहे हैं, वो आपसे बदला लेने की ठानकर बैठे हैं. इन लोगों ने जिन्हें टिकट दिया है, वो इसका एक और सबूत है. ये बदला लेना ही हमेशा से उनकी सोच रही है. इसलिए मैं देखकर खुश हूं कि यूपी के लोग इन दंगाई सोच रखने वालों से बहुत सावधान हैं, सतर्क हैं.
उन्होंने कहा कि हमारा काम और उनके कारनामे, उनकी कारस्तानी, देखकर इस बार भी यूपी की जनता, भाजपा को भरपूर आशीर्वाद देने जा रही है. और इसमें भी जो हमारे फर्स्ट टाइम वोटर्स हैं, वो खुलकर भाजपा के साथ हैं. सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास, ये हमारे लिए डबल इंजन सरकार की नीति और निष्ठा का मूल मंत्र भी है. बीते वर्षों में जो भी योजनाएं भाजपा सरकार ने लागू की हैं, उनका लाभ सभी को मिला है, बिना किसी भेदभाव मिला है. यही भावना तो हमारे संविधान के मूल में है.
पीएम मोदी ने कहा कि जिन्होंने गरीब की तकलीफ ने कभी महसूस की, न कभी देखी, हमेशा जमीन से कटे रहे, वो न गरीब को समझ सकते हैं, न उनका भला कर सकते हैं. गरीबों की भाजपा सरकार ने कैसे काम किया है उसका उदाहरण गरीबों के पक्के घर हैं. पहले वाली सरकार ने अपने पांच साल में गौतमबुद्ध नगर में सिर्फ 73 घर बनाए थे. योगी सरकार ने इन्हीं पांच साल में करीब 23 हजार घर बनाकर शहरी गरीबों को दिए हैं. सोचिए, कहां 73 घर और कहां 23 हजार घर. बीते पांच सालों में अगर यूपी में अनेकों नए शिक्षण संस्थान, आईटीआई और नए मेडिकल कॉलेज खुले हैं. इतने सारे नए विश्वविद्यालय बने हैं, तो इसके पीछे युवा सपनें और युवा आकांक्षाएं ही हैं. जो देश के अपने टीके पर विश्वास नहीं करते, जो अफवाहों को हवा देते हैं, क्या वो यूपी के युवाओं के टैलेंट, उनके इनोवेशन का सम्मान कर सकते हैं?