द एचडी न्यूज डेस्क : जातीय जनगणना पर बिहार में राजनीतिक गरम है. बिहार में बीजेपी, जदयू और राजद के नेताओं का अलग-अलग बयान सामने आ रहा है. जातीय जनगणना पर बिहार में जदयू और राजद का सुर एक साथ मिलते दिख रहा है. जातीय जनगणना पर बीजेपी के बिहार सरकार में गन्ना मंत्री प्रमोद कुमार, सहकारिता मंत्री सुभाष सिंह और प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर हमला किया है. बीजेपी नेताओं ने कहा कि लालू यादव ट्वीट कर जातीय जनगणना पर प्रोपगेंडा पैदा कर रहे हैं.
आपको बता दें कि बिहार बीजेपी प्रदेश कार्यालय में सरकार के गन्ना मंत्री प्रमोद कुमार, सहकारिता मंत्री सुभाष सिंह सहित कई नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस किया. मंत्री प्रमोद कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में जातीय जनगणना ना होने पर जनगणना का बहिष्कार करेंगे. लालू प्रसाद ट्विटर के माध्यम से ब्यान दिया है. लालू यादव के बयान को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए.
मंत्री ने कहा कि लालू यादव मुद्दे पर बात नहीं करते प्रोपेगेंडा पैदा करते हैं. सस्ती लोकप्रियता के लिए लालू प्रसाद यादव बात करते हैं. झारखंड बटवारा ना होने की बात भी कही थी. लालू यादव ने कहा था कि झारखंड बटवारा मेरे लाश पर होगा. जातीय जनगणना होना यह राष्ट्रीय फैसला है. लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले मामले में अभी भी जेल में हैं.
सहकारिता मंत्री सुभाष सिंह ने भी लालू यादव पर निशाना साधा है. मंत्री ने कहा कि जातीय जनगणना हिंदुस्तान में सिर्फ एक बार ही हुआ है. इसका दुष्प्रभाव देश पर पड़ा, इसलिए इसे रोक दिया गया होगा. 15 साल तक लालू प्रसाद यादव ‘MY’ समीकरण के साथ काम किया. जातीय जनगणना से ज्यादा जरूरी है आर्थिक गरीबों की जनगणना होना. मैं जातीय जनगणना का समर्थन नहीं करता हूं इसका दुष्प्रभाव समाज में होगा.
वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने भी जातीय जनगणना को लेकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर निशाना साध है. संजय जायसवाल ने कहा कि लालू यादव 15 सालों तक बिहार में मुख्यमंत्री रहे तब जातीय जनगणना क्यों नहीं कारवाई. उन्होंने कहा कि ये साफतौर पर उनकी घटिया मानसिकता को दर्शाता है.
संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट