लखनऊ : उत्तर प्रदेश की 12 विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) सीटों पर चुनाव की अधिसूचना निर्वाचन आयोग ने जारी कर दी है. एमएलसी की इन सीटों के लिए 11 जनवरी से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी जबकि 28 जनवरी को मतदान होगा. विधान परिषद की ये 12 सीटें 30 जनवरी को खाली हो रही हैं. इनमें से समाजवादी पार्टी (सपा) के पास छह सीटें हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी के पास तीन, बहुजन समाज पार्टी के पास दो सीटें हैं. इसके अलावा एक नसीमुद्दीन सिद्दीकी की सीट खाली है.
बीजेपी नेताओं में उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, यूपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और राज्य के बीजेपी उपाध्यक्ष लक्ष्मण आचार्य का कार्यकाल 30 जनवरी को पूरा हो रहा है. उच्च सदन की एक सीट के लिए वोट काउंट 35 है और 309 विधायकों के साथ बीजेपी आसानी से आठ सदस्यों को भेज सकती है. इसके बाद भी बीजेपी के पास 29 वोट बचे रह जाएंगे.
सपा को एक, शू्न्य पर रह सकती है बसपा
नौ विधायकों वाले अपना दल की मदद से बीजेपी अपने नौवें उम्मीदवार को भी उच्च सदन भेज सकती है. वहीं, सपा के खाते में एक सीट पक्की है जबकि बसपा का एक सीट पर भी चुनाव जीतना मुश्किल है.
स्वतंत्र देव सिंह और दिनेश शर्मा को उच्च सदन में फिर से नामित किया जा सकता है जबकि शेष छह सीटों के लिए दौड़ जोर पकड़ रही है. समाजवादी पार्टी, जिसके पास केवल 49 विधायक हैं, वह परिषद में 14 वोट शेष रहते हुए एक सीट को आसानी से बरकरार रख सकती है. 30 जनवरी को सेवानिवृत्त होने वाले छह सपा विधान परिषद सदस्यों (एमएलसी) में अहमद हसन, आशु मलिक, रमेश यादव, राम जाटान राजभर, वीरेंद्र सिंह और साहेब सिंह सैनी शामिल हैं.
बसपा के प्रदीप जाटव और धर्मवीर सिंह अशोक भी विधान परिषद में अपना छह साल का कार्यकाल पूरा करेंगे. हालांकि बसपा के पास महज दस सदस्य ही बचे हैं और जब तक उसे अन्य विपक्षी या बीजेपी का समर्थन नहीं मिलेगा, तब तक उच्च सदन में बसपा का एक भी सदस्य नहीं जा पाएगा.