पटना : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी द्वारा भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सचिन तेंदुलकर को ‘भारत रत्न’ दिए जाने को गलत बताए जाने पर बिहार भाजपा ने जोरदार पलटवार किया है. राजद नेता शिवानंद ने शुक्रवार को कहा कि पूर्व कप्तान सचिन तेंदुलकर को ‘भारत रत्न’ दिया जाना गलत है. उन्होंने कहा कि तेंदुलकर कई उत्पादों के विज्ञापन करते हैं.
तेंदुलकर ने कुछ दिन पहले भारत की संप्रभुता के साथ समझौता नहीं करने संबंधित एक ट्वीट किया था. इस ट्वीट के माध्यम से उन्होंने देश को एकजुट रहने की अपील की थी. राजद नेता तिवारी ने कहा कि किसान गांव के हैं, उन्हें क्या मालूम कि ट्विटर पर क्या चल है. उन्हें ग्रेटा और रिहाना के बारे में क्या जानकारी? उनके खिलाफ में आपने सचिन तेंदुलकर को उतार दिया. ये तेंदुलकर भारत रत्न हैं. भारत रत्नधारी आदमी तरह-तरह के उत्पादों का विज्ञापन करते हैं, मॉडल बने हुए हैं. यह भारत रत्न का अपमान है, तेंदुलकर जैसे लोगों को भारत रत्न देना. उन्होंने आगे कहा कि जब तेंदुलकर को भारत रत्न दिया जाना था, तब भी मैंने विरोध किया था. इन लोगों से बयान दिलवाकर आप क्या चाहते हैं कि दुनिया आंख पर पट्टी बांध ले. ऐसा नहीं है.
सुशील मोदी ने राजद को दी नसीहत
राजद नेता के इस बयान पर भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने राजद को नसीहत देते हुए कहा कि राजद भारत रत्न पर राजनीति करने से बचे. उन्होंने कहा कि महान क्रिकेटर और भारत रत्न सचिन तेंदुलकर जिनको कृषि कानून का समर्थन करने या गणतंत्र दिवस पर हुए तिरंगे के अपमान की निंदा करने के कारण बुरे लगने लगे, वे बतायें कि उनकी पार्टी उन लोगों के बारे में क्या राय रखती हैं, जिन्होंने खुद प्रधानमंत्री पद पर रहते भारत रत्न ले लिए थे?
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या ऐसे व्यक्ति को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिलना चाहिए था, जिन पर भारत विभाजन स्वीकार करने, जम्मू-कश्मीर में धारा-370 लागू करने और 1962 में सैन्य पराजय जैसी ऐतिहासिक गलतियों के दस्तावेजी आरोप लगते रहे हैं? राजद को राष्ट्रीय सम्मान के पुरस्कारों पर राजनीति करने से बचना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पॉप सिंगर रिहाना सहित कई विदेश में रहने वाले लोगों के किसान आंदोलन के समर्थन में किए गए ट्वीट के बाद सचिन तेंदुलकर ने सोशल मीडिया पर कहा था कि भारत की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता है. बाहरी ताकतें दर्शक हो सकती हैं, लेकिन प्रतिभागी नहीं. भारतीय भारत को जानते हैं और भारत के लिए फैसला करना चाहिए. आइए एक राष्ट्र के रूप में एकजुट रहें.