ROHTAS :बिहार के शिक्षामंत्री डॉ चंद्रशेखर द्वारा रामचरित मानस ग्रंथ पर दिए गए बयानों के बाद से ही सियासत में माहौल अभी तक गर्म है। इसी क्रम में गुरुवार कोशिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर द्वारा रामचरित मानस ग्रंथ पर विवादास्पद बयान को लेकर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में डॉ चंद्रशेखर के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष रामायण पासवान द्वारा परिवाद दायर किया गया।
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा यह जानते हुए की भारत देश के बहुसंख्यक हिंदुओ की भगवान राम एवं उनके जीवन चरित्र का विवरण देने वाली पुस्तक रामचरितमानस में असीम आस्था है। अपने ईश्वर की आस्था के उपर किसी व्यक्ति, समाज या समुदाय को टीका टिप्पणी करने से समाज में धार्मिक विद्वेष फैलता है। चंद्रशेखर एक राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के सक्रिय सदस्य एवं वर्तमान में शिक्षा मंत्री के पद को सुशोभित कर रहे है। जिसके कारण उनके द्वारा किसी भी मंच से कही गई कोई भी बात समाज के उपर एवं समाज के युवाओं और छात्रों के उपर काफी प्रभाव डालती है। इन पदों पर बैठे लोगो की बातो का समाज पर बुरा असर होता है।
बता दें कि शिक्षा मंत्री का बयान हिंदू धर्म की पुस्तक रामचरित मानस पर बयान सार्वजनिक रूप से एक सोची समझी साजिश के तहत जान बूझकर अपने राजनिक फायदे के लिए न केवल अपमान किया है ,बल्कि समाज को बांटने का एवं करोड़ों हिंदुओ की धार्मिक भावनाओं पर कुठाराघात करके समाज को विभिन्न वर्गो के बीच द्वेष, वैमनस्यता एवं धार्मिक उन्माद फैलाने का अपराध किया है। भगवान राम मर्यादा के प्रतीक है और हिंदुओं का धर्म ग्रंथ रामचरित मानस के अपमान को लेकर शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर के खिलाफ न्यायालय में रामायण पासवान ने परिवाद पत्र प्रस्तुत किया। गवाह में जिला महामंत्री विजय सिंह, नगर अध्यक्ष डॉ शिवनाथ चौधरी (निषाद), मुन्ना शर्मा, डॉ सचिन, संदीप सोनी, पंकज महतो, सनी चंद्रवंशी, सनी चौरसिया, गीता पांडेय, मंटू पासवान, लड्डू सिंह, सुधीर चंद्रवंशी सहित भाजपा के कई अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
रोहतास से अमित कुमार गुप्ता की रिपोर्ट