बिहार की तुलना में झारखंड में मरीजों के ठीक होने का प्रतिशत कम है। बिहार में शुक्रवार तक 33511 मरीज मिल चुके हैं। इसमें से 22832 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। बिहार में एक्टिव मरीजों की संख्या महज 10457 रह गई है। यानी बिहार का रिकवरी रेट 68.13 प्रतिशत है। जबकि, झारखंड में शुक्रवार तक 7627 मरीज की पुष्टि हो चुकी है। जिसमें से महज 3354 मरीज ही स्वस्थ हुए हैं। एक्टिव मरीजों की संख्या 4197 है। यानी झारखंड का रिवकरी रेट महज 43.98 प्रतिशत है। रिकवरी रेट के मामले में हम अन्य पड़ोसी राज्यों से भी पीछे हो गए हैं। पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल की रिकवरी रेट 62.12, छत्तीसगढ़ की 66.97 और उड़ीसा की रिकवरी रेट 63.3 प्रतिशत है।
संक्रमित मरीजों की मौत की बात करें तो झारखंड की तुलना में बिहार की स्थिति बेहतर है। बिहार में अब तक मिले 33511 मरीजों में से 221 मरीज की मौत हुई है। वहीं, झारखंड में अब तक मिले कुल 7627 संक्रमित मरीजों में से 76 की मौत हो चुकी है। बिहार की मोर्टेलिटी रेट जहां महज 0.66 है वहीं झारखंड की मोर्टेलिटी रेट 1 प्रतिशत को पार कर चुकी है। मौत के मामले में पश्चिम बंगाल (2.39) को छोड़ सभी पड़ोसी राज्यों की स्थिति हमसे बेहतर है। छत्तीसगढ की मोर्टेलिटी रेट जहां 0.53 है वहीं उड़ीसा की 0.68 है।