पटना : बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ की अनिश्चितकालीन हड़ताल आज भी जारी है. बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ बिहार पटना के आवाह्न पर संपूर्ण बिहार के सभी विभागों में कार्यरत कार्यपालक सहायकों की ओर से अपने चीर लंबित आठ सूत्री मांगों की पूर्ति व बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाईटी के द्वारा उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसा से हटाकर कार्यपालक सहायकों के हितों के विरुद्ध लिए गए निर्णय के विरोध में आज आठवां दिन भी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है. इस अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण बिहार के महत्वपूर्ण कार्य तथा 51 तरह की योजना बाधित है.
राज्य भर में मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण एवं महत्वकांक्षी योजना जैसे लोक सेवा अधिकार (आरटीपीएस), लोक शिकायत निवारण, दाखिल खारिज, रजिस्टरी, बिजली आपूर्ति, नगर निगम, जिला कार्यालय, प्रखंड कार्यालय और डीआरडीए से लेकर पंचायत स्तर पर कार्य प्रभावित है. आज बिहार दिवस के शुभ अवसर पर सरकार के निजीकरण निति के खिलाफ आज गर्दनीबाग धरनस्थल पर सारे कार्यपालक सहायक मिलकर मानव श्रृंखला का निर्माण कोविड-19 के सभी नियम के पालन करते हुए मानव श्रृंखला बनाई गई. चूंकि गर्दनीबाग की सीमा रेखा नियमित थी नहीं तो इतनी विशाल मानव श्रृंखला बिहार विधानसभा चक पहुंच जाती. सभी कार्यपालक सहायक अपने वाजिब हक नियमतिकरण हेतू गठित उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसाओं का अक्षरश अनुपालन करने हेतू सरकार से कई बार आश्वासन मिला परंतु अभी तक लाभ प्राप्त नहीं हुआ.
संघ के प्रदेश अध्यक्ष आशीष कुमार के द्वारा बताया गया कि 48 घंटे के अंदर अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो बाध्य होकर पूरे बिहार जिला के कार्यपालक सहायक पटना गर्दनीबाग में आकर आमरण अनशन प्रारंभ करेंगे. जिसकी संख्या लगभग 15 से 20 हजार हो सकती है. इन सारे कार्यपालक सहायक की अप्रिय घटना (जेसे भूख हड़ताल) होने की स्थिति में सारी जिम्मेवारी सरकार की होगी. संघ के पटना जिला अध्यक्ष अभिषेक अनुराग, सचिव शशिकांत पाठक ने कहा कि सरकार शाषी परिषद की 29वीं बैठक में जो निर्णय ली गई है जो गलत है, जिससे समस्त बिहार के कार्यपालक सहायकों में रोष उत्पन्न हो गई है.
संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट