द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार में पंचायत चुनाव के आठवें चरण के लिए मतदान शुरू हो गया है. आज 24 नवंबर दिन बुधवार को बिहार के 36 जिलों के 55 प्रखंडों में मतदान जारी है. हालांकि, कई जगह EVM में खराबी होने के कारण मतदान में विलंब होता दिख रहा है. वहीं, नक्सलियों के बंद का चुनाव पर कोई असर नहीं दिख रहा है. मतदान केंद्रों पर गांव का मुखिया चुनने के लिए सुबह से ही मतदाताओं की लंबी लाइनें लगी हुई हैं. ऐसे में जहां लोगों में भी मतदान को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. वहीं, मतदान बूथों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
दरअसल, पंचायती राज के अंतर्गत जिला परिषद सदस्य, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य, सरपंच व पंच के पदों के लिए 11,527 बूथों पर वोट शाम 5 बजे तक पड़ेंगे. वहीं शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से मतदान कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. आपको बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक कुल 92 हजार 376 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस चरण में कुल 66 लाख 55 हजार 233 मतदाता मतदान करेंगे. वहीं 3356 पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है. वहीं, 166 पदों पर किसी भी प्रत्याशी के नामांकन नहीं करने की वजह से ये पद खाली रह गए हैं.
राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक आठवें चरण में कुल पदों की संख्या 25 हजार 561 है। इनमें ग्राम पंचायत सदस्य पद की संख्या 11 हजार 173 है. ग्राम पंचायत मुखिया के 1135 पद, पंचायत समिति सदस्य के लिए 821, जिला परिषद सदस्य के 124 पद, ग्राम कचहरी सरपंच के 1135 पद और ग्राम कचहरी पंच के 11 हजार 173 पदों के लिए चुनाव होंगे. वहीं, 92 हजार 376 उम्मीदवारों में से 42 हजार 803 पुरुष और 49 हजार 573 महिला उम्मीदवार शामिल हैं. इस चरण में वोटरों के लिए कुल 11 हजार 527 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.
वहीं आठवें चरण की सीटों पर 3356 पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है. इनमें ग्राम पंचायत सदस्य के 148, पंचायत समिति सदस्य के 3, ग्राम कचहरी सरपंच के 2, मुखिया के 1 और ग्राम कचहरी पंच के 3202 पद शामिल हैं। इस चरण के 166 पद खाली रह गए हैं. इसकी वजह ये है कि इन 166 पदों पर किसी भी प्रत्याशी ने नामांकन नहीं किया है. इनमें 4 ग्राम पंचायत सदस्य के, 1 पंचायत समिति सदस्य और 161 ग्राम कचहरी सदस्य के पद शामिल हैं.
बता दें कि मतदान के लिए बूथों पर वोटर का बायोमेट्रिक वैरीफिकेशन किया जा रहा है. इस व्यवस्था के तहत फर्जी वोटर पकड़े जाएंगे. ऐसे लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी. वहीं, इन मामलों में जुर्माना के साथ एक साल की जेल तक की सजा हो सकती है. इसके साथ ही संवेदनशील बूथों पर सीसीटीवी से निगरानी रखी जा रही है.