द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार से एक बड़ी खबर है. राज्य सरकार ने एक लाख पंचायत प्रारंभिक शिक्षकों की बहाली पर रोक लगा दी है. पंचायत प्रारंभिक शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया अंतिम दौर में थी और मार्च में उन्हें नियोजन पत्र दिया जाना था. इसके पूर्व ही पटना हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद सरकार ने नियुक्ति प्रक्रिया रोकने का फैसला करते हुए इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. बता दें कि शिक्षा विभाग ने 22 अगस्त 2019 और 22 नवंबर 2019 के आदेश के द्वारा प्रारंभिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया शुरू की थी.
आपको बता दें कि शिक्षकों को लेकर रालोसपा प्रमुख व पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुमार ने ट्वीट किया है. उन्होंने ट्वीट में कहा है कि प्राथमिक शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया में हाइकोर्ट के निर्देशानुसार सभी D. El. Ed. अभ्यर्थियों की उम्मीदवारी सुनिश्चित करते हुए शिक्षकों की लंबित बहाली को अविलंब पूर्ण करें. उपेंद्र कुशवाहा ने लिखा है कि बदहाल बिहार नीतीश कुमार. रालोसपा प्रमुख और उनकी पार्टी बिहार शिक्षकों को लेकर हमेशा बिहार सरकार पर निशाना साधा है. कई बार तो शिक्षकों को लेकर धरना प्रदर्शन भी किया है. राज्य में शिक्षक-पात्रता परीक्षा (TET) पास कर वर्षों से बहाली की बाट जोह रहे अभ्यर्थियों की बहाली अविलंब की जानी चाहिए.
नियोजन में डीएलएड को नहीं दी मान्यता
सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि बिहार पंचायत प्रारंभिक शिक्षकों की बहाली पंचायत नियोजन एवं सेवा शर्त नियमावली 2012 में मिली शक्तियों के आधार पर की जा रही थी. नियोजन की प्रक्रिया प्रारंभ करने के पूर्व राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षण संस्थान (NIOS) द्वारा संचालित 18 महीने के ‘डीएलएड’ (DElEd) प्रशिक्षण की मान्यता पर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NTSE) से परामर्श किया गया था. इसमें स्पष्ट किया गया था कि पंचायत प्रारंभिक शिक्षक नियोजन में 18 महीने के डीएलएड प्रशिक्षण को मान्यता नहीं दी जा सकती. इसके बाद इस संबंध में आदेश भी जारी किए गए.
हाईकोर्ट के कहा- आवेदन पर करें विचार
बावजूद एनआइओएस द्वारा संचालित 18 महीने के डीएलएड’ प्रशिक्षण को मान्यता दिए जाने के लिए एक अभ्यंर्थी संजय कुमार यादव की ओर से पटना हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया गया. हाईकोर्ट ने इस मामले में 21 जनवरी 2020 को आदेश पारित करते हुए संबंधित याचिका को स्वीकृत कर लिया. कोर्ट ने प्राथमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा 11 सितंबर को जारी आदेश को साइड करते हुए वादीगण को शिक्षक पद पर नियोजन के लिए एक महीने की अवधि निर्धारित करते हुए सरकार को उनके आवेदन पर विचार करने के आदेश दिए.
सरकार ने एनटीएसई से मांगा मार्गदर्शन
कोर्ट के इस फैसले के बाद प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने एनटीएसई से इस संबंध में मार्गदर्शन मांगा है और साथ ही यह जानना चाहा है कि क्या अध्यापक शिक्षा परिषद कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अपील में जा रहा है? निदेशालय को फिलहाल परिषद का कोई जवाब नहीं मिला है. इसके बाद सरकार ने पंचायत प्रारंभिक शिक्षकों की नियोजन प्रक्रिया पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है.