द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार में तीन दिनों में चार हजार के करीब कोरोना मरीज मिले हैं. मंगलवार (14 जुलाई) को कुल 1432 नए मरीज मिले थे. इससे पहले सोमवार को 1116 और रविवार को 1266 मरीज मिले थे. तीनों दिन मिलाकर यह संख्या 3814 हो जाती है. बिहार में कुल संक्रमितों की संख्या 18,853 हो गई है. बिहार में अभी तक 13019 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं. वहीं बिहार में कोरोना मरीजों का रिकवरी प्रतिशत 69.06 है. वर्तमान में COVID-19 के एक्टिव मरीजों की संख्या 5690 है. विगत 24 घंटे में कुल 10018 सैंपल की जांच हुई है. अबतक राज्य में 143 लोगों की मौत हो चुकी है.
इसके अलावा पहली बार चार जिलों में 100 से ज्यादा मरीज मिले हैं. मंगलवार को बेगूसराय में 114, पूर्वी चंपारण में 124, पटना में 162, नालंदा में 107 मरीज मिले. बिहार में पहली बार कोरोना के मामले में 10 हजार से ज्यादा सैंपल की टेस्टिंग हुई. इनमें से रिकॉर्ड 1400 से भी ज्यादा मरीज एक दिन में मिले हैं.
हालांकि, इस दौरान 24 घंटे में 655 लोग कोरोना से स्वस्थ भी हुए हैं. राज्य में 69 फीसदी की दर से लोग कोरोना से ठीक हो रहे हैं. पटना एम्स की इमरजेंसी सेवा पूरी तरह से बंद कर दी गईं हैं. अब सिर्फ दूसरे अस्पताल से रेफर किए गए कोविड-19 मरीज का ही एम्स में इलाज होगा. एम्स के फ्लू जांच सेंटर को भी बंद किया गया. परिजनों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है. एम्स के निदेशक ने यह जानकारी दी है. इस बीच, COVID-19 महामारी के मद्देनजर पश्चिम बंगाल के कंटेनमेंट जोन में भी 19 जुलाई 2020 तक लॉकडाउन लगा दिया गया.
वहीं, कोरोना वायरस संक्रमितों की बढ़ती संख्या को नियंत्रण करने के लिए बिहार में 16 जुलाई से लेकर 31 जुलाई तक पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया गया. मंगलवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर सहमति बनी. उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने यह जानकारी दी है. लॉकडाउन के दौरान इमरजेंसी सेवा को छोड़कर परिवहन सेवा, शॉपिंग मॉल, धार्मिक स्थल पूरी तरह से बंद रहेंगे. सब्जी और फलों की दुकानें सुबह और शाम को खुलेंगी. हालांकि, हर दुकानदार को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरी तरह पालन होना सुनिश्चित करना होगा. राज्य की सीमाएं पूरी तरह से सील रहेंगी. पास वाले ही बिहार की सीमा में प्रवेश कर पाएंगे.