पटना : बिहार में शुक्रवार को कोरोना पॉजिटिव के 352 नए मामले सामने आए है. नए कोरोना पॉजिटिव राज्य के 27 जिलों में पाए गए हैं. इसके साथ ही बिहार में कोरोना पॉजिटिवों की संख्या 14,330 हो गई है. इधर, कोरोना संक्रमित होनेवाले 10,251 लोग ठीक होकर घर लौट गए हैं. कोरोना पॉजिटिव होनेवालों में अबतक 111 की मौत हो चुकी है. कोरोना पॉजिटिव राज्य के 38 जिलों में 3967 एक्टिव हैं.
स्वास्थ्य सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि शुक्रवार को राज्य में सबसे अधिक 84 नए मामले भागलपुर जिले में पाए गए हैं. इधर, पटना जिला में 73 नए मामले पाए गए हैं. इसके अलावा अररिया चार, अरवल छह, औरंगाबाद एक, बांका छह, बक्सर व दरभंगा पांच-पांच, पूर्वी चंपारण 21, गया, जहनाबाद और कैमूर एक-एक, जमुई आठ, खगड़िया 10, लखीसराय चार, मधेपुरा नौ, मधुबनी 15, मुजफ्फरपुर 34, नवादा एक, पूर्णिया दो, रोहतास सात, समस्तीपुर छह, सारण व शिवहर दो-दो, सुपौल 19 और पश्चिम चंपारण जिले में 12 नए मामले पाए गए हैं.
बिहार में अभी भी रिकवरी रेट 71.54 प्रतिशत
बिहार में कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. पर, राज्य के लिए सबसे राहत भरी बात यह है कि सरकार द्वारा किए गए उपायों से बिहार में रिकवरी रेट 71.54 प्रतिशत बनी हुई है. यानी जितने लोग बिहार में कोरोना पाजिटिव पाए गए, उनमें से 71.54 प्रतिशत लोग ठीक होकर अपने घर लौट गए. यह राष्ट्रीय औसत से काफी आगे है.
कुछ दिन पहले तक बिहार में रिकवरी रेट 77 प्रतिशत तक रही है. पर, हाल के दिनों में जांच की संख्या बढ़ने से कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या भी बढ़ी है. राज्य में गुरुवार को 7595 सेंपल की जांच की गई है. पूरे प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या 3967 है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया गया है. आइसोलेशन वार्ड और बेड की संख्या बढ़ाई गई है.
कोरोना के बढ़ते मामलों पर पटना हाइकोर्ट में सुनवाई
बिहार में कोरोना संक्रमितों की लगातार बढ़ रही संख्या के बाबजूद इसकी जांच व ईलाज की पूरी व्यवस्था सही तरीके से नहीं होने के मामले पर पटना हाइकोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र व राज्य सरकार से 24 जुलाई तक जवाब तलब किया. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने दिनेश सिंह द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
कोर्ट को याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ने लगी हैं. पटना समेत कई जिलों में स्थिति बिगड़ने के बाद लॉकडाउन लगाया गया. राज्य सरकार ने कोरोना मरीजों के व्यापक जांच की व्यवस्था नहीं की. इतना ही नहीं सरकारी अस्पतालों में भी ईलाज की पूरी व्यवस्था नहीं की गई है. जिस बात की शिकायत हमेशा मिलती रहती है. एक ओर जहां डॉक्टर, नर्सेज और स्वास्थ्यकर्मियों पर्याप्त संख्या में नहीं हैं. वहीं बेड, वेंटिलेटर, दवाओं व अन्य मेडिकल सामग्रियों की भी कमी है. इस मामले पर अगली सुनवाई 24 जुलाई को की जाएगी.