द एचडी न्यूज डेस्क : चुनाव को साफ सुथरा और पारदर्शी बनाने के लिए निर्वाचन विभाग कई कदम उठा रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में अब सभी पार्टियों को बताना पड़ेगा कि आखिर किसी वजह से उन्होंने आपराधिक मुकदमें वाले नेताओं को चुनाव में टिकट दिया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में चुनाव आयोग ने देश के सभी मान्यता प्राप्त दलो के लिए एक दिशा निर्देश जारी किया है. बिहार में पहले से ही अपराधिक मुकदमें वाले नेताओं का टिकट देने का सभी पार्टियों का पुराना इतिहास रहा है. लेकिन अब जवाब देना होगा.
बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार यह व्यवस्था लागू होगी जहां दागी उम्मीदवारों को चुनने पर राजनीतिक दलों को कारण बताना होगा. बिहार निर्वाचन विभाग ने इसके लिए 150 पंजीकृत दलों को चिट्ठी लिखी है. जिनका मुख्यालय पटना में है. निर्वाचन विभाग ने निर्देश जारी करते हुए बताया कि अगर ऐसे लोगों को वो इस चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाते है जिनपर अपराध का केस चल रहा है तो उनको 48 घंटे के भीतर फॉर्मेट सी सात के तहत समाचार पत्रों में इसकी सूचना देनी होगी.
निर्वाचन विभाग के इस आदेश के बाद माना जा रहा है कि चुनाव में दागी और अपराधी प्रवृत्ति के लोगों की जगह अच्छे उम्मीदवार बनाने में मदद मिलेगी ताकि सदन में साफ-सुथरी छवि के लोग पहुंच सके. मालूम हो कि इस साल के सितंबर- अक्टूबर महीने में बिहार में विधानसभा के चुनाव होने हैं. बिहार की 243 सीटों के लिए विभिन्न पार्टियां चुनावी मैदान में होंगी जिनमें कई दागी चेहरे भी होंगे.