पटना : बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं. चुनाव में बड़े पैमाने पर सरकारी मशीनरी काम करती है. ऐसे में चुनाव में लगे कर्मचारी और अधिकारियों को कोरोना संक्रमण बचाने की जिम्मेवारी बुनकरों के पास होगी. बुनकर चुनाव में लगे असफरों व कर्मचारियों के लिए पीपीई किट तैयार करेंगे. चुनाव आयोग ने खादी बोर्ड से पीपीई किट का सैंपल मांगा था. जिसे खादी मॉल ने बनाकर भेज दिया है. डिजाइन फाइनल होते ही आपूर्ति के लिए आदेश खादी मॉल को मिलेगा. इससे राज्य के विभिन्न जिलों खादी संस्थाएं पीपीई किट बनाने का काम शुरू कर देंगे.
मिली जानकारी के अनुसार बुनकर पांच करोड़ पीपीई किट तैयार करेंगे. इससे राज्य के बुनकरों, सूतकार, रंगरेज और सिलाई से जुड़े हुए कामगारों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलने लगेगा. इससे बुनकरों को तीन माह तक रोजगार मिलेगा. खासकर प्रवासी बुनकर जो गुजरात, महाराष्ट्र व पानीपत में काम करते थे और लॉकडाउन में बिहार वापस आए हैं, उन्हें भी काम की कमी नहीं होगी. पीपीई किट प्लास्टिक की जगह कपड़े के होंगे. इसके लिए कॉटन खादी का इस्तेमाल होगा. पीपीई किट की खासियत यह होगी कि इसे दोबारा धोकर पहन सकते हैं. राज्य में एक लाख से अधिक बुनकरों की संख्या है. कोरोना महामारी में लगे लॉक डाउन के दौरान लगभग 50 हजार प्रवासी बुनकर लौटकर आए हैं. अधिकतर बुनकर दक्ष हैं.
तीन लाख को कोरोना से बचाना होगा
केंद्रीय चुनाव आयोग के दिशा निर्देश के अनुसार कोरोना से बचाव को लेकर बिहार चुनाव के दौरान विशेष सावधानी बरतनी होगी. सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही तीन लाख से अधिक मतदानकर्मियों की कोरोना से सुरक्षा के भी उपाय भी करने पड़ेंगे. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार के कार्यालय सूत्रों ने बताया कि राज्य में 2019 के चुनाव में 73 हजार मतदान केंद्र बनाए गए थे. कोरोना के कारण सहायक बूथों की संख्या बढ़ाई जाएगी. इससे पिछली बार जहां दो लाख 92 हजार मतदानकर्मी थे. इस बार तीन लाख से अधिक मतदान कर्मी शामिल होंगे. सूत्रों ने कहा कि एक बूथ पर कम से कम चार मतदानकर्मी जरूर रहेंगे. इन सभी के लिए सुरक्षा उपकरण, किट व अन्य सामग्रियों की जरूरत पड़ेगी.
कोरोना मरीजों को डाक से मतदान की अनुमति मिलेगी
इस साल के आखिर में बिहार विधानसभा के लिए होने वाले चुनाव में कोरोना मरीजों को डाक के जरिए मतदान करने की अनुमति दी जाएगी. केंद्रीय विधि मंत्रालय के विधायी विभाग ने कोविड-19 मरीजों को डाक से मतदान करने की अनुमति देने के लिए निर्वाचन नियमावली में बदलाव किया है. यह जानकारी मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने दी. अधिकारी ने बताया कि यह सटीक मामला है और हम नियम बदलने पर सहमत हैं. हाल में हमने 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं और दिव्यांगों को डाक के जरिए मतदान करने की अनुमति दी थी. उसी सूची में हमने कोविड-19 मरीजों या उन्हें जिन्हें संक्रमण के लक्षण हैं, शामिल किया है.
उन्होंने बताया कि अब दिव्यांग और 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोग 12डी फॉर्म भरकर स्थानीय पीठासीन अधिकारी से डाक से मतदान करने की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं. उल्लेखनीय है कि भारत में कोरोना वायरस की महामारी शुरू होने के बाद बिहार पहला राज्य होगा जहां पर विधानसभा चुनाव होने हैं. निर्वाचन आयोग ने नियम में बदलाव करने के लिए सरकार से संपर्क किया था, क्योंकि महामारी इस साल के अंत तक रह सकती है. कानून मंत्रालय का विधायी विभाग निर्वाचन आयोग के लिए नोडल निकाय है. अधिकारी ने बताया कि कानून मंत्री की मंजूरी के बाद नियम में बदलाव किया गया.