JHARKHAND : झारखंड में नियोजन नीति को लेकर छात्रों का आंदोलन कई महीनों से चल रहा है। ऐसे में छात्रों की मांग पर अब तक सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई है। लेकिन अब छात्र बड़े आंदोलन की रूप रेखा तैयार कर चुके है। झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन की ओर से आने वाले महीनों में विरोध को लेकर तीन चरणों में कार्यक्रम तय किया गया है।
वहीं छात्रों का मानना है कि झारखंड के पहाड़,जंगल,बालू को लूट से तभी बचेगा जब स्थानीय लोग अधिकारी बनेंगे.छात्र नेता देवेन्द्र महतो का कहना है कि झारखंड सरकारी पदों पर ऐसे ही दूसरे राज्य के लोगों को रोजगार दिया जाता रहा तो वह दिन दूर नहीं है जब पूरा सरकारी तंत्र ही दूसरे राज्य के लोगों का गुलाम हो जाएगा।
जानिए क्या है आंदोलन की रूप रेखा
प्रथम चरण 10 मई से 25 मई तक 81 विधायक और 14 सांसद को स्थानीय लोगों के सहयोग से अपने मांग पत्र पर समर्थन प्राप्त करने का अभियान चलाया जायेगा। दूसरा चरण 10 दिवसीय के माध्यम सभी प्रखंडों में बैठक कर महा जनजागरण अभियान के तहत समस्त झारखंड के हाठ – बाजार, चौक चौराहा में नगाड़ा के साथ प्रदर्शन कर विरोध किया जाएगा तीसरा चरण 9 से 11 जून तीन दिवसीय 72 घंटे का महा आंदोलन- 10 और 11 जून को दो दिन पूरे 48 घंटा सम्पूर्ण झारखंड बंद रखा जायेगा तथा बंदी को सफल बनाने के लिए 9 जून को शाम 4 बजे सम्पूर्ण झारखंड के सभी प्रखंड और जिला मुख्यालय के विभिन्न चौक चौराहा में विशाल मशाल जुलूस निकाला जायेगा।
साथ ही देवेन्द्र नाथ महतो ने कहा कि नियोजन नीति का आन्दोलन की आग भयंकर रूप लेकर धधक रहा है। यह आग तब तक जलता रहेगा जब तक झारखंड के विज्ञापन में स्थाई निवासी का जिक्र नहीं किया जायेगा। जब तक फॉर्म भरते समय स्थानीय प्रमाण पत्र क्रमांक संख्या नहीं मांगा जायेगा। वहीं देवेन्द्र नाथ महतो ने सरकार से मांग किया है।
झारखंड से गौरी रानी की रिपोर्ट