PATNA : बिहार में राजनीतिक उठापटक के बीच आज से जाति आधारित जनगणना की शुरुआत हो चुकी है. यह जनगणना दो चरणों में की जाएगी। पहले चरण की शुरुआत हो चुकी है। और आज 7 जनवरी से 21 जनवरी तक पहले चरण की गणना होगी। जिसमें सिर्फ और सिर्फ संख्यात्मक विवरणी ली जाएगी। पहले चरण में आवासीय मकानों की गिनती होनी है। इसकी शुरुआत आज से हो रही है. राजधानी पटना में वार्ड नंबर 27 से जातीय जनगणना प्रारंभ किया गया.
आज प्रारंभ होने वाले जातीय गणना के पहले चरण में प्रत्येक मकान में नंबर डाला जाएगा। इसके आलावा घर के मुखिया का नाम और घर के सदस्यों का नाम लिखा जाएगा। 21 जनवरी तक आवासीय मकानों की गिनती होगी। आपको बता दें कि, पटना जिले में कुल 45 प्रक्षेत्र बने हुए हैं। छह गणक खंड पर एक पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं, यानी 2116 पर्यवेक्षक प्रतिनियुक्ति किए गए हैं। सभी गणना कर्मियों को इसके लिए प्रशिक्षण दिया गया है।
मोबाइल ऐप के जरिए तमाम जानकारियां जुटाई जाएगी. वहीं दूसरे चरण की जनगणना एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक होगी इस दौरान जनगणना में शामिल लोगों की जाति, उनकी उपजाति और धर्म से जुड़े डेटा जुटाएगी. राज्य सरकार ने मई 2023 तक जातीय जनगणना की प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य रखा है. जिला स्तर पर सर्वे करने की जिम्मेदारी संबंधित जिला मजिस्ट्रेटों को दी गई है, जिन्हें इस काम के लिए जिलों में नोडल अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया है.
इतना ही नहीं सरकार की ओर से जातीय जनगणना के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है. इससे पहले पिछले साल जून में फैसला किया गया था कि जातीनय जनगणना फरवरी 2023 तक पूरी की जाएगी. लेकिन बाद में सर्वे के काम को पूरा करने की डेडलाइन तीन महीने बढ़ाकर मई 2023 तक कर दी गई.
पटना से अजय कुमार की रिपोर्ट