रांची : कोरोना के कारण झारखंड में लंबे समय से बंद चले आ रहे स्कूलों को खोलने की कवायद तेज हो गई है. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो स्कूल बंद रहने से खुद काफी चिंतित नजर आ रहे हैं. उन्होंने स्कूलों को खोलने की हर संभव कवायद तेज कर दी है. कहा है कि 31 जनवरी के बाद हर हाल में स्कूल खोल दिए जाएंगे. बस कुछ औपचारकिताएं पूरी करनी शेष हैं.
शिक्षा विभाग आपदा प्रबंधन विभाग को भेजेगा प्रस्ताव
शिक्षा मंत्री ने शनिवार को इस संबंध में संबंधित अधिकारियों की बैठक कर स्कूदल खोलने पर चर्चा की. कहा गया है कि सभी कक्षाओं के लिए स्कूल खोलने का प्रस्ताव आपदा प्रबंधन विभाग को शिक्षा विभाग देगा. मंत्री के साथ बैठक के बाद शिक्षा सचिव राजेश शर्मा ने यह बात कही है. उनके अनुसार, सभी कक्षाओं पहली से 12वीं तक स्कूल खोलने की मंत्री इच्छा रखते हैं.
चार घंटे नहीं पूरी अवधि के लिए स्कूल खोलने का भेजा जाएगा प्रस्ताव
शिक्षा सचिव ने कहा कि कोरोना के संक्रमण की स्थिति को देखते हुए आपदा प्रबंधन प्राधिकार इस पर अंतिम निर्णय लेगा. शिक्षा सचिव ने कहा कि चार घंटे की बजाय पूरी अवधि के लिए स्कूल खोलने का प्रस्ताव भेजा जाएगा. इससे पहले कक्षा छह से 12 तक सुबह आठ बजे से 12 बजे तक ही खोलने की अनुमति मिली थी. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की स्वीकृति मिली तो फरवरी के दूसरे सप्ताह से खुल सकते हैं स्कूल.
जगरनाथ महतो ने बुलाई थी बैठक
मालूम हो कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री जगरनाथ महतो ने स्कूलों को खोलने को लेकर बैठक बुलाई थी. शनिवार को हुई बैठक मेंआपदा प्रबंधन विभाग के सचिव, शिक्षा सचिव के अलावा विभिन्न अभिभावक संघों के प्रतिनिधि शामिल हुए.
अंतिम निर्णय राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में
मंत्री ने शनिवार को बैठक में पदाधिकारियों के साथ स्कूलों के खोलने की संभावनाओं पर विचार करते हुए आवश्यक निर्णय लेने का आदेश दिया. तय हुआ कि शिक्षा विभाग आपदा प्रबंधन विभाग को स्कूभल खोलने का प्रस्ताूव बनाकर भेजेगा. मंत्री पहले ही 31 जनवरी के बाद स्कूलों को खोलने की बात कह चुके हैं. मंत्री के अनुसार, सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले बड़ी संख्या में बच्चों को आनलाइन शिक्षा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. वहीं, कोरोना संक्रमण में भी कमी आई है, इसलिए स्कूलों को खोला जा सकता है. हालांकि इसपर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में ही लिया जाएगा. यह बैठक 30 या 31 जनवरी को होने की संभावना है. इस बैठक में कुछ अन्य पाबंदियां भी हटाई जा सकती हैं.
शिक्षा मंत्री ने कहा- गरीब बच्चों का नहीं हो रहा ऑनलाइन क्लास
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री जगरनाथ महतो ने स्कूलों को खोलने के पक्ष में हैं. उन्होंने शनिवार को बैठक कर सबकी राय जानी. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों को ऑनलाइन क्लास का लाभ नहीं मिल रहा है, इसलिए स्कूलों को खोलना बहुत ही जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में स्कूल खुलेंगे तो कोचिंग भी शीघ्र खुलेंगे.
फरवरी के दूसरे सप्ताह से खुल सकते हैं स्कूल, कॉलेज
मालूम हो कि राज्य सरकार ने स्कूल और कॉलेज जल्द खोलने को लेकर अपनी मंशा साफ कर दी है. पूरी उम्मीद है कि फरवरी के दूसरे सप्ताह में स्कूल कॉलेज खोलने संबंधी दिशा निर्देश जारी किए जा सकते हैं. शिक्षा सचिव के कार्यालय से चार घंटे के बजाय पूरी अवधि के लिए स्कूल खोलने का प्रस्ताव दिया गया है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की यदि स्वीकृति मिली तो बेशक फरवरी के दूसरे सप्ताह में स्कूल कॉलेज खोलने का आदेश जारी हो सकता है. सूत्रों की माने तो इस संबंध में शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने भी सहमति दी है. शनिवार को शिक्षा मंत्री के आवास पर प्राइवेट स्कूल संचालकों के साथ बैठक हुई. जिसमें मंत्री जगन्नाथ महतो ने कहा कि फरवरी के दूसरे सप्ताह से राज्य भर में स्कूल और कॉलेज कोरोना गाइडलाइन के तहत खुल सकते हैं.
हालांकि इस फैसले पर मुहर नहीं लगी है लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि आपदा प्रबंधन विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक में अंतिम निर्णय लिया जा सकता है. शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बाद स्कूल संचालकों में खुशी की लहर देखने को मिली. स्कूल संचालकों ने कहा कि स्कूल बंद होने से उनके समक्ष आर्थिक तंगी की नौबत आन पड़ी है. यदि जल्द निर्णय नहीं लिए गए तो बेशक सड़क पर आ जाने की स्थिति बन जाएगी. जल्द स्कूल कॉलेज नहीं खुले तो विद्यार्थियों के साथ साथ शिक्षकों के रहन सहन पर इसका सीधा असर पड़ेगा. कई शिक्षक तो बेरोजगारी के कगार पर आ चुके हैं. उनके समक्ष रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो चुकी है.
प्राचार्यों ने कहा- हैं तैयार हम
एक ओर जहां स्कूल कॉलेजों में पठन पाठन ठप है तो दूसरी ओर स्कूल खोलने को लेकर सरकार के दिशा निर्देश और तैयारियों को लेकर सभी स्कूल प्रबंधनों का कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था की सारी तैयारियों के साथ हर परिस्थिति में हम स्कूल खोलने को तैयार हैं.
कोरोना गाइडलाइन का होगा अनुपालन
जिला स्कूनल की प्राचार्य दीपा चौधरी ने कहा कि स्कू ल खुलने के बाद पूरी तरह से कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जाएगा. जिला स्कूल में नामांकित 1177 बच्चों को मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराया जाएगा. खासकर वैसे बच्चे जिन्होंने टीका ले लिया है उन्हें पहले चरण में स्कूल आने की अनुमति होगी. यहां 14 कमरे व एक बड़ा हॉल है जहां सुरक्षा के साथ बच्चों की पढ़ाई होगी.
400 बच्चों का हुआ है टीकाकरण
बालिका प्लस-2 हाइस्कूल, बरियातू, रांची की प्राचार्य रीता कुमारी ने कहा कि सरकारी दिशा निर्देश मिलने के बाद सुरक्षित माहौल में स्कूल का संचालन किया जाएगा. 400 बच्चों को टीका दिया जा चुका है. स्कूल खुलने से सभी विषयों के अध्याय को दोबारा तैयार किया जा सकेगा. वैसे बच्चे जिनकी प्रैक्टिकल पेपर की तैयारी नहीं हुई है उन्हें काफी फायदा होगा. कम से कम एक से डेढ़ माह तक मैट्रिक व इंटर के बच्चों को ऑफ लाइन क्लास का लाभ मिलेगा.
70 प्रतिशत बच्चों का हो चुका है टीकाकरण
मारवाड़ी प्लस 2 हाई स्कूल, रांची के प्राचार्य आशीष कुमार ने कहा कि 15 से 18 वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण हो चुका है. स्कूल खुलने के बाद मैट्रिक व इंटर के छात्र छात्राओं को लाभ मिलेगा. परीक्षा को ले कम समय मिलने के बाद भी उनकी तैयारी हो पाएगी. साथ ही कोरोना गाइड लाइन के तहत जितने निर्देश दिए गए हैं उनका शत प्रतिशत अनुपालन होगा.
बच्चों को परीक्षा की तैयारी का मिलेगा मौका
डीएवी बरियातू रांची के प्राचार्य विनय कुमार पांडेय ने कहा कि सरकार द्वारा स्कूल खोलने के निर्णय का सभी बच्चों को लाभ मिलेगा. कम समय के बाद भी 10वीं और 12वीं के बच्चे इसका लाभ उठा पाएंगे. परीक्षा की तैयारी करने का मौका मिलेगा. खासकर प्रैक्टिकल पेपर की तैयारी हो पाएगी.
बच्चों को मिलेगा एक नया जोश
निर्मला कान्वेंट हाई स्कूल, रांची के प्राचार्य विजय कुमार शर्मा ने कहा कि स्कूल खुलने के निर्णय के बाद बच्चों को एक नए जोश के साथ स्कूल आने का मौका मिलेगा. खासकर परीक्षा देने वाले बच्चों को नोट्स और प्रैक्टिकल की तैयारी करने में सहूलियत होगी. उन्हें शिक्षक और अपने दोस्तों से रूबरू होने का भी फायदा मिलेगा.
गौरी रानी की रिपोर्ट