जमुई : पूरे देश में लॉकडाउन की वजह से जमुई में भभुआ जिले के लगभग 80 मजदूर फंस गए हैं. इन मजदूरों के साथ बच्चे, बूढ़े, महिला एवं युवा भी साथ में थे. यह सभी मजदूर भभुआ जिले के आसपास के क्षेत्रों के रहने वाले हैं. मीडिया ने मजदूरों से बात की तो वे लोग ने बताया कि वे लोग लक्ष्मीपुर के जंगल से पत्ता तोड़कर भभुआ एवं यूपी के आसपास के जिलों में बेचा करते हैं.

इसके साथ ही वह लोग जंगल से जड़ी-बूटी भी लेते हैं और उसका दवा बनाकर बेचते हैं. लॉकडाउन क्या होता है वह नहीं जानते. बस इतना जानते हैं कि हर बार की तरह इस बार भी जमुई के जंगल आए और जब वापस जाना चाहे तो कोई गाड़ी नहीं चल रही है. ट्रेन और मोटर भी बंद है. अब जाए तो जाए कहां. इधर-उधर ग्रामीण भी मदद नहीं कर रहे हैं. सभी बाहर के कह-कर कहते हैं भागो. इधर, से भूख के मारे हम लोगों का हाल बेहाल है.

बरहट मोड़ के पास जब उन लोगों से यहां गस्ती में मौजूद पदाधिकारियों ने पूछा कि आपलोग कब और कहां जाएंगे तो महिलाओं ने बताया कि सब यही पूछते हैं. लेकिन कोई खाना देने वाला नहीं है. इस बात पर मलयपुर थाना अध्यक्ष अमित कुमार, बरहट वीडियो अंजेश कुमार, बरहट सीओ रणधीर प्रसाद व MO मुकेश कुमार सभी का दिल बच्चे और महिलाओं को देखकर पसीज गया. सबसे पहले थाना अध्यक्ष ने बिस्कुट मंगाकर बच्चों को दिया व त्वरित कार्रवाई करते हुए इन लोगों को रोककर खाना खिलाने का प्रबंध करना शुरू कर दिया.

वहीं पास में मौजूद मलयपुर निवासी ललन सिंह ने पदाधिकारी से बात करते हुए कहा कि सर हम लोगों को भी सेवा का मौका दिया जाए. सूरत ललन सिंह और उनके पुत्र रूपेश सिंह ने करीब 100 लोगों का खिचड़ी, चोखा और पापड़ का प्रबंध कर सभी को खिलाने का व्यवस्था किया गया. सभी को सड़क किनारे छांव में बैठा कर रूपेश सिंह, मलयपुर ग्रामीण आलोक सिंह, रंजीत यादव सुरेश पासवान के सहयोग से सभी को भोजन कराया गया. वह उन्हें कुछ खाने को दे भी दिया गया. वहीं मलयपुर थाना अध्यक्ष और बरहट सीओ ने कहा कि सभी को सुरक्षित स्थान पर भेजें.

नंदन निराला की रिपोर्ट