द एचडी न्यूज डेस्क : टोक्यो ओलंपिक से भारतीयों के लिए खुशखबरी आयी है. भारतीय स्टार रेसल बजरंग पुनिया ने 65 किलोग्राम भार वर्ग में कजाकिस्तान के रेसलर नियाजबेकोव दौलत को सेमीफाइनल में 8-0 से हराकर कांस्य पदक हासिल किया. टोक्यो ओलंपिक में भारत का कुल पदक छह हो गई है जिसमें दो रजत और चार कांस्य पदक शामिल है. देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर रेसलर बजरंग पुनिया को बधाई व शुभकामनाएं दी.
मेरे बेटे ने मेरा सपना पूरा किया- बजरंग पूनिया के पिता
टोक्यो ओलंपिक 2020 में कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद बजरंग पूनिया के पिता ने अपनी खुशी ज़ाहिर की. उन्होंने कहा, मैं खुशी बयान नहीं कर सकता, मेरे बेटे ने मेरा सपना पूरा कर दिया.
इस तरह भारत को टोक्यो ओलंपिक में अब तक कुल छह मेडल मिल चुके हैं. बजरंग पुनिया का जन्म 26 फरवरी 1994 को झज्जर जिले के खुड्डन गांव में हुआ था. बजरंग को कुश्ती विरासत में मिली, क्योंकि इनके पिता भी पहलवान रह चुके हैं. बजरंग ने महज सात साल की उम्र में कुश्ती शुरू कर दी थी, जिसमें उन्हें अपने पिता का पूरा सहयोग मिला. बजरंग के सपने को साकार करने के लिए उनके पिता बस का किराया बचाकर साइकिल से अपने काम पर जाते थे. साल 2015 में बजरंग का परिवार सोनीपत में शिफ्ट हो गया, ताकि वह भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के सेंटर में ट्रेनिंग कर सकें.
बजरंग पुनिया की मेहनत उस समय रंग लाई ,जब उन्होंने 2013 में दिल्ली में हुए एशियन रेसलिंग चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता. इसके बाद में बजरंग ने बुडापेस्ट में हुई विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के 60 किलो भारवर्ग वर्ग में कांस्य पदक अपने नाम किया. फिर बजरंग ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 2014 के राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में सिल्वर मेडल जीता. उसी साल बजरंग एशियन रेसलिंग चैम्पियनशिप में भी रजत पदक जीतने में कामयाब रहे थे.