बेगूसराय : महिलाओं को आजाद कराने के सभी प्रयासों के बावजूद भी समस्या कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने जहां बहुमत के निर्णय में तीन तलाक देने की प्रथा को निरस्त कर दिया है और अपनी व्यवस्था में इसे असंवैधानिक एवं गैर कानूनी माना गया. फैसले में कहा गया कि तीन तलाक सहित कोई भी प्रथा कुरान के सिद्धांतों के खिलाफ एवं अस्वीकार्य है.
आपको बता दें कि काफी विवादों के बाद भारत सरकार ने तीन तलाक जैसे मामलों पर काफी सख्त नियम बनाने में कामयाब रहे. परंतु कड़े कानून बनाए जाने के बाद भी बिहार के बेगूसराय में देखने को मिला. जहां 50 हजार रुपए दहेज में नहीं देने पर अपने पत्नी को फोन पर तीन तलाक दे दिया. इस कानून की धज्जियां उड़ाई कहीं ना कहीं उड़ रही है.
बताते चलें कि पति के द्वारा पत्नी को बोला कि अपने मायके से 50 हजार रुपए लेकर आओ. इसका विरोध किया तो जमकर पत्नी को पिटाई कर दिया. पिटाई के बाद पत्नी अपने मायके चली गई. जब पत्नी मायके में रह रही थी उसी दौरान फोन पर ही एक बहशी पति ने अपने पत्नी को तीन तलाक बोल कर उससे मुक्ति पा ली है. मामला बेगूसराय के सिंघौल ओपी अंतर्गत लड़ूआरा गांव की है. पीड़ित परिवार ने तीन तलाक के खिलाफ पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई है.
सिंघौल ओपी के लडुआरा में एक महिला को उसके पति ने फोन पर तीन बार तलाक बोलकर तलाक दे दिया. पीड़ित परिवार ने इस मामले में पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है. मिली जानकारी के अनुसार लड़ुआरा निवासी मो. जुल्फिकार के पुत्र मो. महबूब ने अपनी पत्नी शाहिना खातून को मोबाइल फोन पर तीन तलाक बोलकर तलाक दे दिया. पीड़ित महिला का मायका वीरपुर थाना के जिनेदपुर गांव है.
पीड़िता ने बताया कि दो साल पहले उसकी शादी हुई थी. उसके बाद से ही मारपीट और दहेज के लिए पैसा बार-बार मांगता था. जिसका विरोध जब हम करते थे तो बेरहमी से पिटाई करता था. अंत में फिर से पति के द्वारा 50 हजार रुपए की मांग की गई नहीं देने पर बेरहमी से पिटाई कर दिया. उसके बाद जब वहां से हम अपने मायके चले गए. उसके बाद पति के द्वारा फोन किया गया और फोन पर ही तीन तलाक दे दिया.
उन्होंने कहा कि आज से तुम को तीन तलाक दे दिया और कहा कि तुम अपने मायके में ही रहो. पीड़ित महिला ने पति के खिलाफ महिला थाना में मामला दर्ज कराया है. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से उन्होंने तलाक दिया यह सही बात नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरीके से केंद्र सरकार के द्वारा तीन तलाक पर रोक लगाया गया. वह कहीं ना कहीं आज वह बेकार साबित हो रहा है. हम सरकार से मांग करते हैं कि मुझे न्याय मिले और ऐसे व्यक्ति को सजा होनी चाहिए. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उस घर में पहले भी एक महिला को तीन तलाक देकर भगा दिया.
जीवेश तरुण की रिपोर्ट