चतरा : विस्थापित विकास संघर्ष समिति (टंडवा) के प्रतिनिधियों ने पूर्व विधायक योगेंद्र नाथ बैठा के नेतृत्व में तीन सूत्री मांग को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात किया. संघर्ष समिति के लोगों ने बताया कि पिछले ग्यारह महीने से वे लगातार संघर्षरत है. पिछले महीने की 13 नवंबर से लगातार धरने पर बैठे हुए है. जिसके बाद 15 नवंबर से समिति ने एनटीपीसी का कार्य बंद करवा दिया था. किंतु प्रशासन ने बलपूर्व एनटीपीसी के कार्य को शुरू कर गतिरोध को और बढ़ाने का कार्य किया है.
इस संदर्भ में जब पूर्व विधायक योगेंद्रनाथ बैठा से बात की तो उन्होंने बताया कि मैं शीतकालीन सत्र के दौरान लगातार क्षेत्र की समस्या को मंत्री के पास रख रहा था. उसी दौरान मंत्री बादलपात्र लेख ने टंडवा जाकर आंदोलनरत लोगों से मिलने की इच्छा जाहिर की और यह तय हुआ कि सत्र के अंतिम दिन वहां जाकर उनकी समस्या सुनी जाएगी. किन्तु अंतिम दिन का सत्र देर संध्या लगभग साढ़े सात बजे तक चला जिस कारण वहां जाना असंभव हो गया. तब अंतिम समय में मंत्री ने संघर्ष समिति के कुछ सदस्यों को रांची विधानसभा ही बुला लिया और उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री से करवायी.
समिति के लोगों में यह आक्रोश भी था कि उनकी लड़ाई लड़ रहे कांग्रेस नेता तिलेस्वर साव को पुलिस ने जेल भेज दिया है. स्थानीय सांसद एवं विधायक के प्रति भी इनकी नाराजगी साफ झलक रही थी. जहां उनका कहना था कि स्थानीय विधायक वहीं के निवासी है. एनटीपीसी के साथ उनकी सांठगांठ ने उनके जुबान पर ताला लगा रखा है. मुख्यमंत्री से मिलने वालों में जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद दुबे, समिति के संयोजक कृष्णा साहू, धनंजय सोनी, निसार अहमद, मनीर आलम, रफीक अंसारी, डॉक्टर जतु गोप, कामेश्वर यादव एवं मोहम्मद काशिम शामिल थे. जबकि पूर्व विधायक के साथ रामाधीन यादव व अनिल सिंह भी उपस्थित थे.
गौरी रानी की रिपोर्ट