रांची : झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में आज ‘झारखंड आंदोलनकारी स्टीकर’ लगाओ पखवाड़े का शुभारंभ अल्बर्ट एक्का चौक के पास किया गया. इस अवसर पर झारखंड आंदोलनकारियों के वाहनों में स्टिकर लगाया गया. मौके पर झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो ने कहा कि राज्य सरकार ने झारखंड आंदोलनकारियों को मान-सम्मान एवं पहचान नहीं दी है. इसलिए हम लोग 11 झारखंड आंदोलनकारियों को सम्मानित और पहचान देने का काम कर रहे हैं.

यह कार्यक्रम पूरे राज्य में दो जनवरी 2021 तक चलेगा और तीन जनवरी को झारखंड आंदोलनकारी दिवस के रुप में झारखंड आंदोलनकारियों के मान-सम्मान, आन-बान, पहचान और स्वाभिमान की रक्षा के तौर पर बनाया जाएगा. साथ ही झारखंड आंदोलनकारी दिवस का झंडा भी लहराया जाएगा. यह कार्यक्रम पूरे राज्य के प्रखंड स्तर से लेकर जिला स्तर में किया जाएगा. इसकी संपूर्ण तैयारियां राजधानी से लेकर प्रखंड स्तर पर किया जा रहा है.
विधि प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. प्रणव कुमार बब्बू ने कहा कि राज्य बने हुए 20 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन झारखंड आंदोलनकारियों की पहचान अभी तक नहीं हुई है. जयपाल सिंह मुंडा से लेकर एन ई होरो, लाल रण विजय नाथ शहदेव, सीपी तिर्की, डॉ रामदयाल मुंडा, बीपी केसरी, रीतलाल प्रसाद वर्मा सहित अनेक झारखंड आंदोलनकारी पुरोधा रहे हैं, जिनकी पहचान नहीं हुई है. उसी प्रकार दिशुम गुरु शिबू सोरेन से लेकर सुदेश महतो तक की पहचान झारखंड आंदोलनकारी के रूप में नहीं होना दुख की बात है. सभी आंदोलनकारियों का नाम गजट में प्रकाशित हो जाना चाहिए था, परन्तु नहीं हुआ है. सरकार को फौरन इस दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है.

इस कार्यक्रम में झारखंड आंदोलनकारी डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो, भुनेश्वर केवट, गैब्रिएल खाखा, सीताराम उरांव, अशोक साहू, आनंद मोहन तिवारी, पुष्कर महतो, परवीन कृष्ण सहाय और दिवाकर साहू के अलावा कई अन्य झारखंड आंदोलनकारी उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन एवं स्वागत कुमोद कुमार वर्मा ने किया.
गौरी रानी की रिपोर्ट