जीवेश तरूण, बेगूसराय
बेगूसराय: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिला के चौबेपुर कस्बे से बिहार के बेगूसराय आयी बारात 45 दिनों से यहीं फंसी है। जिसमें दूल्हा समेत 10 बाराती लड़की वालों के यहां ठहरे हैं। लड़के वालों के पास जब पैसे खत्म हो गए तो दुल्हन खुद उन सभी बारातियों की खाने की खर्चा उठा रही है। इतना ही नहीं दोनों पक्ष के लोग एक दूसरे की मदद करते नजर आ रहे हैं। ट्रेन से से आयी बारात को अब रेल सेवाएं बहाल होने का इंतजार है।
खबर के अनुसार चौबेपुर के हकीम नगर मोहल्ले से महबूब खान के 30 वर्षीय पुत्र इम्तियाज की शादी बेगूसराय के बलिया प्रखंड क्षेत्र के फतेहपुर गांव की खुशबू खातून के साथ हुई है। बारात में दूल्हा इम्तियाज, पिता महबूब, मां शरीना बेगम, दूल्हे के खालू (मौसा) मझवन निवासी जलील खान, बहनोई नदीम नाजीन, मासूम नुजन, बिचवानी रियाज अहमद व पड़ोसी अकरम 20 मार्च को ही फतेहपूर गांव आए थे। 21 मार्च को मुस्लिम धर्म के मुताबिक निकाह की रस्म अदा की गई थी। सभी दस बारातियों को अगले दिन दुल्हन के साथ अपने घर कानपूर लौटना था। मगर 22 को जनता कर्फ्यू लग गया। जिसके बाद लॉकडाउन के कारण आवागमन बन्द हो गया। जहां लड़की पक्ष ने 45 दिन बाद हाथ खड़े कर दिये हैं। वहीं लड़की खुशबू खातून ने बताया कि अब बारातियों को नमक रोटी में खिलाने पर भी आफत हो गई है। जिससे हम घर वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अगर प्रशासन इन बारातियों के खाने की खर्चे उठा लेता है तो हम लोगों की परेशानी कुछ कम हो जाएगी। फिलहाल लड़के वालों के परिजनों ने सरकार से गुहार लगाई कि हमको यहां से कानपुर भेजने की व्यवस्था की जाये, ताकि हम लोग अपने घर में रहे। यहां पर बड़ी कठिनाई हो रही है।