द एचडी न्यूज डेस्क : संसद का शीतकालीन सत्र (Winter Session) सोमवार से शुरू हो रहा है. संसद सत्र से एक दिन पहले सरकार की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी, आनंद शर्मा, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बनर्जी, डेरेक ओब्रायन, डीएमके से टीआर बालू, टी. शिवा और एनसीपी से शरद पवार शामिल हुए. इस दौरान तृणमूल कांग्रेस की तरफ से सरकार के सामने 10 मुद्दे उठाए गए.
TMC की तरफ से जो मुद्दे उठाए गए वो हैं- बेरोजगारी, ईंधन और आवश्यक चीजों की बढ़ती कीमतें, एमएसपी को लॉ में शामिल करना, कई तरह से संघीय ढ़ांचे को कमजोर किया जाना, लाभकारी पीएसयू में विनिवेश को रोका जाना, बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र, पेगासस का मुद्दा, कोरोना की स्थिति, महिला आरक्षण बिल और डू नोट बुलडोज बिल्स (स्क्रूटनाइज बिल्स).
संसद का शीतकालीन सत्र काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि सरकार तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए एक विधेयक पेश करेगी. इस विधेयक पर पक्ष और विपक्ष में जमकर तकरार देखने को मिल सकती है. विपक्ष जहां इस कानून को वापस लेने के मामले पर सरकार को घेरने की कोशिश में जुटी हुई है तो वहीं सरकार की ओर से यह कोशिश होगी कि विपक्ष की ओर से उठाए गए मद्दों का संतुलित जवाब दिया जाए.
संसद के इस सत्र में विपक्ष पेगासस स्पाईवेयर से फोन टैपिंग के मुद्दे को भी उठा सकता है. राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने रविवार शाम को संसद के उच्च सदन में राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं की बैठक बुलाई है. माना जा रहा है कि यह सत्र काफी हंगामेदार रह सकता है.