अंशु झा
पटना: बिहार में गृह मंत्री अमित शाह के वर्चुअल रैली पर बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि देश के गृह मंत्री अमित शाह वर्चुअल रैली को छोड़कर एक्चुअल इंडिया की तलाश करें। क्योंकि मोदी सरकार में एक्चुअल इंडिया कराह रही है। राठौड़ ने कहा है कि 2015 में बिहार की जनता ने किस तरह से भाजपा नेतृत्व नरेंद्र मोदी तथा अमित शाह को रिजेक्ट किया था शायद वे यह भूल गए हैं। उन्होंने कहा कि 2015 में जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी राजनीतिक अस्तित्व को बचाने के लिए कांग्रेस तथा राजद के शरण में आए थे। उस वक्त भाजपा बड़े जोर-शोर से नरेन्द्र मोदी के बल पर विधानसभा चुनाव में उतरी थी मगर बिहार के जनता ने राजग को बुरी तरह से हराया था। जबकि उस समय राजग का चेहरा खुद नरेंद्र मोदी बने थे। जब महागठबंधन के सामने नरेंद्र मोदी नहीं टिक सके तो अमित शाह की चुनावी थ्योरी क्या टिकेगी। राठौड़ ने कहा है कि अमित शाह अभी देश के गृह मंत्री हैं मगर राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन के बाद देश में उपजे प्रतिकूल हालातों पर ध्यान देने की जगह अपने चिर-परिचित अंदाज में बिहार चुनाव पर पूरा ध्यान फोकस कर वर्चुअल रैली कर रहे हैं मगर इस वर्चुअल रैली में सिर्फ भाजपा कार्यकर्ता ही भाग लेंगे। क्योंकि आम जनता का तो भाजपा पर से पूरी तरह विश्वास उठ चुका है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि 2015 में बुरी तरह से रिजेक्ट हो चुके अमित शाह अब बिहार में नीतीश कुमार के बदौलत मैदान में उतर रहे हैं मगर इस बार भी बिहार की जनता उन्हें और उनके गठबंधन को पूरी तरह नकार देगी। क्योंकि 15 साल से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी जो सिर्फ बिहार की जनता के साथ छल कर रहे हैं अब जनता उनकी सच्चाई पूरी तरह से जान चुकी है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि दरअसल यह अमित शाह की रैली नहीं है बल्कि एक तरह से भाजपा का कार्यकर्ता प्रशिक्षण सम्मेलन है। क्योंकि अमित शाह को सिर्फ भाजपा के कार्यकर्ता ही सुन सकते हैं। आम जनता के लिए तो पूरे लॉक डाउन के दौरान उनके मुंह से दो शब्द तक नहीं निकला.