PATNA : आज का दिन भारत के लिए खास है और आज का नाम भारत के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज होगा। दरअसल आज भारत को नया संसद मिलने जा रहा है। वहीं नए संसद भवन में लोकसभा के 552 और राज्यसभा के 250 सदस्यों के बैठने के लिए जगह बनाई गई है। लेकिन दूसरी तरफ नई संसद को लेकर देश की सियासत भी काफी गर्म है और 19 विपक्षी दलों ने इसके उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार किया है।
वहीं कई चरणों में कार्यक्रम कर इस नए संसद भवन का उद्घाटन होगा। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक नए संसद भवन की जरूरत काफी समय से महसूस की जा रही थी। बताया जा रहा है कि मौजूदा संसद भवन में सांसदों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। उद्घाटन के मौके पर दोनों ही सदनों के सदस्य के साथ-साथ देश के प्रमुख हस्तियों को भी आमंत्रित किया गया है।
आपको बता दें कि नए संसद के उद्घाटन के बाद नया सिक्का भी जारी होगा। वहीं पीएम मोदी 75 रुपये का नया सिक्का जारी करेंगे। मालूम हो कि, देश का संसद का वर्तमान भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था, जो अब लगभग 100 साल पुराना होने जा रहा है। इसके दोनों सदनों में सांसदों के बैठने की सुविधाजनक व्यवस्था का भी अभाव था। 1971 की जनगणना के आधार पर किए गए परिसीमन पर आधारित लोकसभा सीटों की संख्या 545 में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है।
आपको बताते चलें कि, नए ससंद भवन बनाने का प्रस्ताव सबसे पहली बार 1991-92 के दौरान आया था। उस समय पीवी नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री थे। उस समय तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष शिवराज पाटिल ने संसदीय कार्य मंत्री गुलाम नबी आजाद को बुलाकर इस दिशा में विचार करने के लिए कहा था। इसके बाद सरकार के स्तर पर इस मुद्दे पर कई दौर की चर्चा भी हुई। उसमें कहा गया कि रोक के चलते वर्ष 2026 तक संसद के सदस्यों की संख्या नहीं बढ़ने जा रही है, ऐसे में अभी इसकी कोई जरूरत नहीं है।
पटना से विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट