रांची : प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन पासवा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर आगामी फरवरी महीने में 10वीं और 12वीं बोर्ड की होने वाली परीक्षा को लेकर आवश्यक छूट देने की अपील की है. पासवा के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा कि मैट्रिक और इंटर की परीक्षा अपने निर्धारित समय पर होगी, इसलिए बिना देर किए गए बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के लिए प्रैक्टिकल की अनुमति दी जाए, अन्यथा इन बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो सकता है.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण काल में जब सारी गतिविधियां पूर्व की भांति हो रही है, तो मास्क पहनकर, सोशल डिस्टेसिंग का पालन सुनिश्चित कराकर और सैनिटाइजर का उपयोग कर प्रैक्टिकल की अनुमति दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भले ही छोटे बच्चों को अभी स्कूल जाने की अनुमति नहीं प्रदान करें, लेकिन बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर छूट देने पर आवश्य विचार करना चाहिए.
आलोक दूबे ने कहा कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा बच्चों की कैरियर के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव होता है जिसमें कई तरह की गतिविधियां सिर्फ विद्यालय परिसर के अंदर ही संभव है, और हर दिन शिक्षकों के साथ बच्चों का संवाद जरूरी होता है, ऐसे में सिर्फ 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोलना अत्यंत ही आवश्यक है. पासवा अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में निजी स्कूलों के समक्ष भी कई तरह की संकट की स्थिति उत्पन्न हुई है. ऐसे में सरकार विभिन्न तरह के टैक्स में छूट देकर राहत प्रदान कर सकती है.
आलोक कुमार दूबे ने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन व अनलॉक के आठ महीने के दौरान केंद्र सरकार का शैक्षणिक व्यवस्था को लेकर उदासीन रवैया काफी चिंतित करने वाला है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई, लेकिन उस पैकेज में शैक्षणिक जगत और निजी स्कूल संचालकों के लिए कोई राहत की घोषणा नहीं की गई.
गौरी रानी की रिपोर्ट