रांची : केंद्र सरकार की ओर से लाए गए किसान विरोधी तीन कृषि विधेयक को निरस्त करवाने के लिए राजभवन के समक्ष सर्वदलीय महाधरना किया गया. इस महाधरने का समर्थन करने कांग्रेस, जेएमएम, सीपीआई और भाकपा माले सहित अन्य पार्टियां शामिल हुई. मौके पर मौजूद ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि यह तानाशाह सरकार है इसको डेमोक्रेसी से कोई लेना देना नहीं है और हमारे हिंदुस्तान एक प्रजातंत्र देश है. जन-जन की आवाज चाहे कोई भी सरकार हो उसे सुनना और उसका निष्पादन करना उनका कर्तव्य है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 10 महीना से लगातार किसान आंदोलन कर रहा है और बहुत सारे लोगों का इस धरना प्रदर्शन के क्रम में मौत दी हुई है. लेकिन सरकार को उसका भी कोई अफसोस नहीं है.
नेताओं ने कहा कि सुनियोजित तरीके से हिंसा विरोधी बिल लाया गया है जो कि एक काला कानून है. जब मोदी सरकार आई थी तब उन्होंने सभी चीजों की मूल्यवृद्धि के एजेंडा पर बात किया था लेकिन सबसे ज्यादा मूल्य वृद्धि मोदी के सरकार में ही हुई है महंगाई चरम सीमा पर है. हम सभी की यह मांग है कि मोदी सरकार से किसानों की सुने और महंगाई जो चरम सीमा पर है उसे कम करें.
वहीं प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने विस्थापितों समस्या के बारे में बात करते हुए कहा कि जो विस्थापित हुए थे. उन्हें इंदिरा गांधी ने कोल कंपनियों का राष्ट्रीयकरण कर के बहुत बड़ा सहारा दिया था और रोजगार की गारंटी दी थी. लगातार जिस तरह से लोग विस्थापित हो रहे हैं और उसके लिए केंद्र सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है. क्योंकि जब उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए. तब पूर्ण रूप से सभी लोगों को मुआवजा नहीं मिला है. केंद्र सरकार ने सभी संवैधानिक संस्थायों को पंगु बनाने का काम किया है उसका गलत इस्तेमाल किया है.
जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि जिस प्रकार से पूरा देश पिछले सात वर्षों में कॉर्पोरेट घराने की तरह बड़ा है उसके खिलाफ हम लोग त्रस्त हो गए हैं. केंद्र सरकार ने सभी चीजों पर टैक्स लागू कर लोगों को समाप्त करने का साजिश किया है. उसके खिलाफ लोगों ने मन बना लिया है. जिस प्रकार ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में घुसकर उसे लूटने का काम किया था. उसी प्रकार भाजपा का राज आया है. उसके बाद वेस्ट इंडिया कंपनी आई है. जो अडानी और अंबानी की है. पर अब यह सरकार लोगों को लूट रही है.
गौरी रानी की रिपोर्ट