नई दिल्ली : कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों में गतिरोध जारी है. सरकार के प्रस्ताव को खारिज करते हुए किसानों ने आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी. किसानों के विरोध के बीच, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है, जिसमें उन्होंने किसानों से एक बार फिर प्रस्ताव पर विचार करने को कहा है. कृषि मंत्री ने ये भी कहा कि सरकार के पास ईगो नहीं है, हम खुले मन से बातचीत कर रहे हैं.

सरकार के प्रस्ताव पर विचार करें किसान – नरेंद्र सिंह तोमर
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संघों से आग्रह किया गया कि जो प्रस्ताव सरकार ने भेजा है, उस पर विचार कीजिए और जब भी आप कहेंगे हम चर्चा के लिए तैयार हैं. 2006 में स्वामीनाथन रिपोर्ट आई थी, लंबे समय तक इंतजार किया गया पर डेढ़ गुना एमएसपी लागू नहीं हुई. मोदी सरकार आने पर उन्होंने लागत मूल्य पर पचास प्रतिशत का मुनाफा देकर एमएसपी घोषित की, जिसका फायदा पूरे देश को मिल रहा है. उन्होंने आगे कहा कि हम लोगों को लगता था कि कानूनी प्लेटफॉर्म का फायदा लोग अच्छे से उठाएंगे. किसान महंगी फसलों की ओर आकर्षित होगा. नई तकनीक से जुड़ेगा. बुआई के समय ही उसको मुल्य की गारंटी मिल जाएगी.

किसानों से खुले मन से बातचीत कर रहे
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि कानून के वे प्रावधान जिन पर किसानों को आपत्ति है उन पर सरकार खुले मन से विचार करने पर सहमत है. कुछ लोगों ने यह भी कहा कि यह कानून वैद्य नहीं है. इस कानून से एमएसपी कहीं से भी प्रभावित नहीं होती है. हम लोगों ने प्रस्ताव दिया कि राज्य सरकार निजी मंडियों की व्यवस्था भी लागू कर सकती है. हमारे एक्ट में ये था कि पैन कार्ड से ही खरीद हो सकेगी. पैन कार्ड से खरीदी को लेकर किसानों के आशंका के समाधान के लिए भी हम राजी हुए. कृषि मंत्री ने कहा कि दूसरा उनका मुद्दा था कि आपने विवाद निपटाने के लिए एसडीएम को शामिल किया है. छोटा किसान होगा छोटे क्षेत्र का होगा तो जब वो न्यायालय जाएगा तो वहां समय लगेगा. हम लोगों ने इसके समाधान के लिए भी न्यायालय में जाने का विकल्प दिए.

कृषि कानूनों पर नरेंद्र सिंह तोमर की प्रेस कॉन्फ्रेंस
कृषि कानूनों को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि संसद के सत्र में सरकार कृषि से जुड़े तीन कानून लेकर आई थी. इन कानूनों पर संसद में सभी दलों के सांसदों ने अपना पक्ष रखा था. लोकसभा और राज्यसभा में बिल पारित हुआ था. चर्चा के दौरान सभी सांसदों ने अपने विचार रखे. ये तीनों कानून आज देशभर में लागू हैं. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए है. तय समय में भुगतान की व्यवस्था की गई है. किसानों की जमीन सुरक्षित रखने का ध्यान रखा गया है. नए कृषि कानून किसानों के हित में हैं. मंडी से बाहर जाकर भी किसानों को छूट दी गई. वहीं, उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी किसानों से बातचीत जारी है.

किसान नेता करेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस
किसान नेता आज शाम 5.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती, तब तक कोई बातचीत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ केंद्र परेशान नहीं कर रहा है, बल्कि यूपी, हरियाणा और राजस्थान की सरकार भी परेशान कर रही है. लेकिन अभी हमारी लड़ाई केंद्र और हमारा सारा ध्यान इसी पर है.

जावड़ेकर की अपील- फर्जी और भ्रामक खबरों का शिकार न हों किसान
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि नए कृषि कानूनों के बारे में फैलाई जा रही फर्जी और भ्रामक खबरों और अफवाहों का शिकार न हों. एपीएमसी मंडियों का संचालन जारी रहेगा और नए कृषि कानूनों के पारित होने के बाद कोई एपीएमसी मंडी बंद नहीं हुई. नए कृषि कानूनों और सुधारों के पीछे की वास्तविकता को जानें.

संजय राउत ने की सर्जिकल स्ट्राइक करने की मांग
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि अगर किसी केंद्रीय मंत्री को जानकारी है कि किसानों के आंदोलन के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है, तो रक्षा मंत्री को तुरंत चीन और पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक करना चाहिए. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और सशस्त्र बलों के प्रमुखों को इस मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा करनी चाहिए.

किसानों ने दिल्ली से कौशांबी जाने वाली सड़क को किया बंद
किसानों ने दिल्ली से कौशाम्बी की ओर जाने वाली सड़क को बंद कर दिया है. किसानों का दावा है कि जो ट्रक फल वितरित कर रहा था, उसे जब्त कर लिया गया है.
