नई दिल्ली : भारतीय बैडमिंटन संघ ने शुक्रवार को किदांबी श्रीकांत का नाम खेल रत्न पुरस्कार के लिए भेज दिया जिन्होंने एक टूर्नामेंट से बीच में से हटने के लिए माफी मांग ली थी, जबकि अर्जुन पुरस्कार के लिए नाम नहीं भेजे जाने पर महासंघ की आलोचना करने वाले एच एस प्रणय को कारण बताओ नोटिस दिया है. श्रीकांत और प्रणय दोनों फरवरी में मनीला में एशियाई टीम चैम्पियनशिप का सेमीफाइनल नहीं खेले थे. दोनों एक दूसरा टूर्नामेंट खेलने बार्सीलोना चले गए थे. भारत सेमीफाइनल हार गया था, लेकिन टूर्नामेंट में तीसरे स्थान पर रहा.
अनुशासनात्मक आधार पर बैडमिंटन संघ ने दुनिया के 14वें नंबर के खिलाड़ी श्रीकांत और 28वें नंबर के खिलाड़ी प्रणय का नाम क्रमश: खेलरत्न और अर्जुन पुरस्कार के लिए नहीं भेजा. श्रीकांत का आवेदन खेल मंत्रालय को बढ़ा दिया गया, लेकिन प्रणय को 15 दिन के भीतर महासंघ के खिलाफ की गई बयानबाजी पर जवाब देने को कहा है.
बैडमिंटन संघ ने एक बयान में कहा कि श्रीकांत और प्रणय फरवरी में मनीला में एशियाई बैडमिंटन चैम्पियनशिप टीम को छोड़कर चले गए थे, जबकि उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए कहा गया था. इससे भारत की ऐतिहासिक पदक जीतने की उम्मीदों पर लगभग पानी फिर गया था. इसमें कहा गया कि हमें श्रीकांत का ईमेल मिला है जिसने अपनी गलती मान ली है और भविष्य में दोबारा ऐसा नहीं करने का वादा किया है. उसकी प्रतिभा और उपलब्धियों को देखते हुए हमने उसका नाम राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए भेज दिया है.
वहीं प्रणय ने अर्जुन पुरस्कार के लिए नाम नहीं भेजे जाने पर ट्वीट किया था कि वही पुरानी कहानी. राष्ट्रमंडल और एशियाई चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाले का नाम नहीं भेजा गया. वहीं जो इन बड़े टूर्नामेंटों में खेला नहीं, उसका नाम भेज दिया गया. वाह. यह देश एक मजाक है.
प्रणय के बारे में महासंघ ने कहा कि प्रणय के साथ अनुशासनात्मक मसले पहले भी रहे हैं. अभी तक महासंघ ने सब बर्दाश्त किया, लेकिन पिछली हरकत के बाद कार्रवाई जरूरी हो गई थी. उसे कारण बताओ पत्र दिया गया है. जवाब नहीं देने पर हम कड़ी कार्रवाई करेंगे. बैडमिंटन महासंघ कोचों, खिलाड़ियों और तकनीकी स्टाफ के लिए आचार संहिता बना रहा है जिस पर कड़ाई से अमल करना होगा. महासंघ ने प्रणय की जगह समीर वर्मा का नाम अर्जुन पुरस्कार के लिए भेजा है.