पटना ब्यूरो
नयी दिल्ली: कोरोना संकटकाल में मंदी से जूझ रही अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान का आगाज किया है। इसकी दूसरी किस्त में प्रवासी मजदूरों, किसानों, रेहड़ी-पटरी वाले, आदि पर फोकस किया गया था। वहीं शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त के संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। उन्होंने कहा कि एक लाख करोड़ रुपये का कृषि आधारभूत ढांचा बनाने के लिए योजना लाई गई है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी। भारत ना केवल अपनी मांग को पूरा कर सकेगा, बल्कि आने वाले समय में निर्यात के लिए भी मदद मिलेगी। एग्रीकल्चर को-ऑपरेटिव सोसाइटी, कृषि स्टार्टअप्स, आदि को इससे लाभ मिलेगा। दो महीनों में 242 नई श्रिंप हैचरी को रजिस्ट्रेशन दी गई। एक्वाकल्चर और मरीन कैप्चरिंग के लिए जो राहत दी जानी थी, वो भी दे दी गई है।
उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन को लेकर चार घोषणाएं जो हमने पहले की थी, उनको भी लागू कर दिया गया है। पिछले दो महीनों में किसानों के लिए कई कदम उठाए गए हैं। न्यूनतम समर्थन के लिए लगभग 74,300 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जो सीधे किसानों को मिले हैं। पीएम किसान योजना के अंतर्गत दो महीनों में 18,700 करोड़ रुपये किसानों के खातों में डाले गए हैं। फसल बीमा योजना के माध्यम से जो क्लेम्स मिलने थे, वो 6,400 करोड़ रुपये के क्लेम किसानों को मिले हैं। लॉकडाउन के दौरान दूध की खपत 20 से 25 फीसदी कम हुई है। 5,000 करोड़ की अतिरिक्त लिक्विडिटी की मदद दो करोड़ किसानों को दी गई। दो फीसदी ब्याज अनुदान भी दिया गया। इससे पहले प्रेस कांफ्रेंस में वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि के ऊपर ज्यादा बात करेंगे। किसानों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं के जरिए पिछले पांच से छह सालों से कदम उठाए जा रहे हैं। करोड़ों किसानों को इसके माध्यम से लाभ मिला है।