नई दिल्ली : चार साल बाद देश के बैंकिंग सेक्टर में एक और बड़ा घोटाला सामने आया है. एबीजी ग्रुप ने एक-दो नहीं बल्कि दो दर्जन से ज्यादा बैंकों के साथ धोखाधड़ी की है. आंकड़ा इतना बड़ा है कि बैंकिंग घोटाले के सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं. इस मामले में अबतक आठ लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. फिलहाल सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और जल्द ही जांच में दूसरी एजेंसियां भी शामिल हो सकती हैं.
22,842 करोड़ का सबसे बड़ा बैंक घोटाला!
सीबीआई के मुताबिक, ये धोखाधड़ी किसी एक बैंक के साथ नहीं, बल्कि बैंकों के समूह के साथ की गई है. कुल 28 बैंकों के साथ धोखाधड़ी हुई है, जिसमें एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई, पंजाब नेशनल बैंक समेत प्राइवेट बैंक आईसीआसीआई भी शामिल हैं और साथ ही एलआईसी को भी चूना लगाया गया है. इस घोटाले का सबसे पहला खुलासा अगस्त 2020 में हु,आ जब 25 तारीख को एसबीआई के एक डिप्टी जीएम ने सीबीआई को लिखित में शिकायत की थी.
चूना लगाने वाली हैं दो कंपनियां
28 बैंकों और एलआईसी को चूना लगाने वाली दो कंपनियां हैं. लेकिन एक ही ग्रुप की. जिसका नाम है एबीजी शिपयार्ड और एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड. सीबीआई के मुताबिक, गुजरात के सूरत की ये कंपनी पानी के जहाजों के निर्माण और उनकी मरम्मत समेत उससे जुडे़ दूसरे काम भी करती है.
एफआईआर में एबीजी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर आरके अग्रवाल के अलावा एग्जीक्युटिव डायरेक्टर, दूसरे डायरेक्टर और कई सरकारी अधिकारी के नाम भी दर्ज हैं. इन लोगों के खिलाफ सरकारी संपत्तियों को हड़पने जैसे गंभीर धाराओं (अपराधिक षडयंत्र धोखाधड़ी भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम) के तहत केस दर्ज किया गया है. जिन धाराओं में केस दर्ज किया गया है, उसमें आरोप साबित होने पर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है. बताया जा रहा है कि एबीजी कंपनी ने अपने बनाए जहाज विदेशों में भी बेचे हैं, लेकिन कंपनी ने तमाम नियम-कानूनों को ताक पर रखकर बैंकों के ग्रुप को हजारों करोड़ का चूना लगाया.
किसको कितना चूना लगाया?
एफआईआर के मुताबिक, एबीजी कंपनी के चलते SBI को 2468 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ तो साथ ही एलआईसी को भी 136 करोड़ का चूना लगाया. बैंकों के ग्रुप के साथ कुल 22842 करोड़ की धोखाधड़ी हुई है. ये घोटाला 2012 से 2017 के दौरान का है. यानी मनमोहन सरकार से लेकर मोदी राज तक. सीबीआई ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद 13 जगहों पर छापेमारी की. जिसके दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए. सीबीआई सूत्रों का दावा है कि मामले की जांच की आंच बैंकों के बड़े अधिकारियों तक पहुंच सकती है. जैसे-जैसे जांच बढ़ेगी वैसे-वैसे कई नेताओं के नाम भी सामने आने की भी आशंका है.
ABG कंपनी पर आरोप क्या हैं
एबीजी ने बैंकों के समूह से लोन और कई तरह की क्रेडिट सुविधाएं ली.
बैंकों से मिले पैसों को सहयोगी कंपनियों के जरिए विदेशों में भी भेजा गया.
बैंकों से लोन के पैसे से विदेशों में जायदाद और शेयर खरीदे गए.
नियमों को ताक पर रखकर पैसों को एक कंपनी से दूसरी कंपनियों में भेजा गया.