अमित कौशिक, जमुई
जमुई: ऑल इंडिया सेन्ट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (एक्टू) एवं खेत व ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) के देशव्यापी आह्वान पर बुधवार को दूसरे दिन चकाई प्रखंड के सगदनीडीह पार्टी कार्यालय, भलसुमभा पार्टी कार्यालय, दुलमपुर पंचायत के चरका गांव, फरियताडीह पंचायत के मधुपुर, डढवा पंचायत के कोरिया गांव, बामदह पंचायत के कारीझाल, खरीखाद, बोंगी पंचायत के हिंडला गांव में एक्टू एवं खेग्रामस के कार्यकर्ताओं ने सोशल डिसटेंसिंग का पालन करते हुए काली पट्टी व काला झंडा लगाकर धरना दिया। सगदनीडीह पार्टी कार्यालय में भाकपा माले प्रखंड सचिव कामरेड मनोज कुमार पाण्डेय, कामरेड शिवन राय, कामरेड राधे साह, कामरेड सुनील पाण्डेय, कामरेड सीताराम गोस्वामी, रामचंद्र शर्मा, हेमंत साह सहदेव तुरी, डढवा पंचायत के कोरिया गांव में खेग्रामस के राज्य पार्षद मोहम्मद सलीम अंसारी, कामरेड सीताराम यादव, भैरो सिंह, धनेश्वर यादव, कंदना मुर्मू, छोटन मरांडी, सलाउददीन अंसारी दुलमपुर पंचायत के चरका गांव में कामरेड जयप्रकाश दास, बबुआ दास, केदार दास, किशोर किस्कू, जयनाराण बेसरा फरियताडीह पंचायत के मधुपुर में खेग्रामस के राष्ट्रीय पार्षद कामरेड कालू मरांडी, विद्याधर राय, दिलीप पाण्डेय, बामदह पंचायत के कारीझाल में बिनोद हांसदा, संजय मरांडी, संजू हांसदा, मझला मरांडी, बामदह पंचायत लोहसिंघना गांव में खेग्रामस के प्रखंड संयोजक कामरेड बासुदेव हांसदा, लटटू पंडित, सुमन टुडु, बामदह पंचायत के खरीखाद में खूबलाल राणा, श्याम चौडे, पप्पू हेम्बरम बोंगी पंचायत के हिंडला गांव में कामरेड संजय राय, सुबोस राय, बाजो ठाकुर, मैनेजर सिंह, बुनदो राणा, माइकल हांसदा, कारमन राय आदि कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में कार्यक्रम आयोजित हुआ।
सगदनीडीह पार्टी कार्यालय में धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाकपा माले के प्रखंड सचिव मनोज कुमार पाण्डेय ने कहा कि जब देश में अंग्रेजी हुकूमत थी, उस वक्त भी मजदूरों से आठ घंटे ही काम लिया जाता था परंतु वर्तमान मोदी सरकार मजदूरों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाना चाहती है। भाजपा शासित प्रदेशों में मजदूरों के 12 घंटे कार्य दिवस लागू कर दिए गये हैं। पीएम मोदी का एक लाख करोड़ रुपये पैकेज की घोषणा मात्र छलावा है। उन सब पैसे को भी इसमें जोड़ कर बताया गया है जो कि पहले की ही घोषणा है, मसलन किसान सम्मान निधि योजना। उन्होंने यह नहीं बताया कि प्रवासी मजदूर जो इस वक्त दो वक्त की रोटी के लिए तरस रहे हैं, उनके लिए इस पैकेज में क्या है । बल्कि 12 घंटे कार्य दिवस तय करके इस हुकूमत ने बतला दिया कि देश में जमींदारी कानून फिर लागू हो गया है। हड़ताल करना मजदूरों का मौलिक अधिकार है। इसको भी यह सरकार खत्म कर देने पर अमादा है। वहीं ट्रेड यूनियन बनाने के अधिकार को भी यह सरकार खत्म कर देना चाहती है। हम इस कार्यक्रम के माध्यम से मांग करते हैं कि लोकतंत्र की रक्षा रोटी व रोजगार की रक्षा एवं नया हिंदुस्तान बनाने के लिए मजदूरों के आठ घंटे कार्य दिवस यथावत रहने दिया जाए।