PATNA: बेटे की मौत का गम हर पिता के लिए दुखदाई होता है। फिर चाहे वो पिता सरकारी पद पर हो या गैर सरकारी। पिता तो पिता होता है। आज पटना की सड़क पर एक ऐसे ही पिता जो पटना प्रमंडल में एडीएम के पद पर तैनात है, अपने बेटे के इंसाफ के लिए कैंडिल मार्च करते देखे गए। कही न कही यह मामला फिर से एक बार सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है।
एडीएम के पद पर तैनात पिता सूरज कुमार सिन्हा ने अपने पुत्र को खोने के बाद न्याय की गुहार लगाई है। पिता की माने तो पटना के फुलवारी शरीफ में मानस अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र में आयुष कुमार की हत्या होने के बाद उनके पिता सड़क पर इंसाफ के लिए उतर पड़े।
आज उनका समाज और उनका परिवार उनका सहपाठी उनका सहयोगी तमाम लोग पटना के इनकम टैक्स चौराहे से कैंडल मार्च निकालते हुए कारगिल चौक तक पहुंचे। पूरे रास्ते भर उनको स्थानीय पटना का भी सहयोग मिला। मीडिया से बात करते हुए पिता ने प्रशासन से मांग करते हुए गुहार लगाई है कि हमारे पुत्र के हत्यारों को फांसी का सजा दी जाए।
ऐसे दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए उनकी आंखे नम दिखाई पड़ रही थी। उन्होंने कहा कि मैं एक पिता के रूप में सड़क पर उतरा हूं ना कि एडीएम अधिकारी के रूप में। सूरज कुमार सिन्हा पटना के प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय एडीएम के पोस्ट पर तैनात हैं।
अब जरा सोचिए कि जब इतने बड़े अधिकारी के साथ स्वास्थ्य विभाग ऐसा कर रही है। प्राईवेट अस्पताल में आए दिन ऐसी शिकायते मिलती रहती है। सरकारी स्वास्थ्य सेवा का हाल किसी से छिपा नहीं है। आम जनता का स्वास्थ्य कैसे ठीक होगा यह एक बड़ा सवाल है। हाल के दिनों की बात करे तो 24 घंटे भी नहीं हुए पटना के एक प्राईवेट अस्पताल ने युवती की मौत लापरवाही के कारण सामने आई। स्वास्थ्य विभाग को सिस्टम में लाने की जरूरत है ताकि किसी की जान न जाए।
पटना से संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट