द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण की 78 सीटों पर चुनाव प्रचार का शोर आज शाम छह बजे थम जाएगा. सात नवंबर को 15 जिलों के 78 सीटों पर मतदान होगा. अंतिम चरण के रण से पहले सभी राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है. बिहार सरकार के बड़ी संख्या में मंत्रियों और कई दिग्गज नेताओं के चुनावी अखाड़े में उतरे होने के कारण बिहार चुनाव का अंतिम चरण बेहद खास हो गया है. इस चरण में सरकार के 11 मंत्रियों की किस्मत का फैसला होना है. विपक्ष के कद्दावर नेताओं का फैसला इसी चरण में होगा.
आपको बता दें कि तीसरे और आखिरी चरण में बिहार के छह हॉट सीट है. उसके बारे में हम आपको जानकारी दे रहे हैं. सिमरी बख्तियारपुर से युसूफ सलाउद्दीन (राजद) खगड़िया सांसद महबूब अली कैसर के बेटे हैं जिनके सामने मुकेश सहनी (वीआईपी प्रमुख) महागठबंधन छोड़ एनडीए में शामिल हुए हैं. मुकेश सहनी 2015 के विधानसभा चुनाव में भी मुकेश सहनी बीजेपी के साथ थे, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन में शामिल होकर खगड़िया सीट से चुनाव लड़े थे जिसमें उनकी हार हुई थी.
वहीं सरायरंजन में विजय कुमार चौधरी (जदयू) विधानसभा अध्यक्ष के सामने अरविंद कुमार सहनी (राजद) से हैं. सुपौल से विजेंद्र प्रसाद यादव (जदयू) बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री के सामने मीना तुल्ला रहमानी (कांग्रेस) से हैं. सिकटा से खुर्शीद फिरोज अहमद (जदयू) बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री उनके सामने सुनील कुमार (सीपीआई माले) हैं.
बता दें कि बेनीपट्टी से विनोद नारायण झा (बीजेपी) बिहार सरकार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री के सामने भावना झा (कांग्रेस) वर्तमान विधायक जो पिछली बार विनोद नारायण झा को हरायीं थी. केवटी से अब्दुल बारी सिद्दीकी (राजद) आरजेडी के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्त मंत्री के सामने मुरारी मोहन झा (बीजेपी) सिद्दीकी पिछली बार दरभंगा के अलीनगर विधानसभा सीट से विधायक थे. इस बार केवटी से किस्मत अजमा रहे हैं. सहरसा से लवली आनंद (राजद) पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी (बिहार में गोपालगंज के ज़िलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या मामले को लेकर जेल में बंद है) के सामने आलोक रंजन को उम्मीदवार बनाया गया है.