नई दिल्ली : केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है. इस बीच विपक्षी दलों ने भी कृषि कानूनों पर अपनी चिंताओं से अवगत कराने और इसे वापस लेने की मांग को लेकर विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला.

पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, डीएमके के एक प्रतिनिधि, भाकपा के महासचिव डी राजा और सीताराम येचुरी शामिल रहे. राष्ट्रपति से मुलाकात से ठीक पहले सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि 25 से अधिक विपक्षी दलों ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के प्रति अपना समर्थन दिया है. ये कानून भारत के हित में नहीं हैं और इससे हमारी खाद्य सुरक्षा को भी खतरा है.



कांग्रेस समेत कुछ अन्य विपक्षी दलों ने किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है. राहुल गांधी कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा में रैलियां कर चुके हैं. कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर सरकार ने सितंबर में तीनों कृषि कानूनों को लागू किया था. सरकार ने कहा था कि इन कानूनों के बाद बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसानों को देश में कहीं पर भी अपने उत्पाद को बेचने की अनुमति होगी.

सरकार की क्या है कोशिश
गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार की रात 13 संगठन नेताओं से मुलाकात की. इसके बाद सरकार ने किसानों द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक मसौदा प्रस्ताव भेजा. किसान नेता कृषि कानूनों को वापस लेने पर जोर दे रहे हैं.

