रांची : ओमिक्रोन झारखंड में दिसंबर में ही दस्तक दे चुका था. लेकिन जीनोम सिक्वेंसिंग की मशीन नहीं होने के कारण यह पुष्टि नहीं हो पा रही थी. अब यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य में कोरोना मरीजों में लगातार हो रही बढ़ोतरी का कारण ओमिक्रोन ही है. एक जनवरी को रिम्स से 13 दिसंबर से 31 दिसंबर तक लिए गए 87 सैंपल जांच के लिए आईएलएस भुवनेश्वर भेजे गए थे. इनमें से 14 में ओमिक्रोन की पुष्टि हुई. एक में डेल्टा वैरिएंट मिला है, जबकि अन्य सैंपलों में 32 सैंपलों में भी अन्य वेरिएंट की पुष्टि हुई है. ओमिक्रोन के सभी मरीज रांची के हैं.
रिपोर्ट आने से पहले ही स्वस्थ हो चुके हैं सभी मरीज
हालांकि, रिपोर्ट आने से पहले ही ये सभी स्वस्थ हो चुके हैं. आशंका है कि इन मरीजों के संपर्क में आए लोग भी ओमिक्रोन वेरिएंट से संक्रमित हुए होंगे. इसलिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के जरिए ही इनका पता लगाया जा सकता है. इधर, पहली बार एक साथ 14 ओमिक्रोन मरीज मिलने के बाद अब ज्यादा से ज्यादा सैंपल भुवनेश्वर भेजने की तैयारी है. यहां जिस तरह मरीज बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए विशेषज्ञ पहले ही आशंका जता चुके हैं कि यहां फैलने वाला वैरिएंट ओमिक्रोन है.
रांची के राज हॉस्पिटल ने पहले ही कर दी थी पुष्टि
सरकार भले इससे इंकार करते आ रही थी लेकिन रांची के राज हॉस्पिटल ने चार जनवरी को ही अपनी स्टडी में बता दिया था कि रांची में ओमिक्रोन ही कहर बरपा रहा है. यही कारण है कि राज्य में 13 दिसंबर से 14 जनवरी के बीच एक्टिव मरीजों की संख्या रांची में जहां 167 गुणा तो झारखंड में 274 गुणा बढ़ी.
560 गुणा बढ़ी पॉजिटिविटी
संक्रमण में आई अचानक बढ़ोतरी की वजह से राज्य में बीते 13 दिसंबर से 14 जनवरी के बीच 49,840 मरीज मिले हैं. यही नहीं, बीते एक महीने में राज्य में संक्रमण की रफ्तार में 560 गुणा की बढ़ोतरी हुई है.
गौरी रानी की रिपोर्ट
