मुंगेर : जिले में व्यवहार न्यायालय में एक व्यक्ति का अपहरण और हत्या मामले में तीन लोगों को आठ साल कारावास की सजा हुई है. घटना के 20 सालों बाद फैसला आया है. मुंगेर में एक व्यक्ति का अपहरण कर उसकी हत्या मामले में 20 सालों बाद फैसला आया है.
पूरा मामला इस प्रकार है. घोरघट निवासी विजय साव का जनवरी 2000 को उसके ही पांच साथियों मोहन दास, सोहन दास, अंगूर पासवान, मो. अब्बास और नेमंचूस मिया ने उसका अपहरण कर उसकी हत्या लाश को गंगा नदी में बहा दिया. विजय साव का कुछ पैसा उनके साथियों के पास बांकी था, जिसको लेकर मामले के आरोपियों ने पहले तो विजय साव को उसके घर से बुलाया फिर उसे शराब पिलाई उसके बाद उसकी हत्या कर दी.
मृतक की पत्नी रामप्यारी देवी के बयान पर 14 जनवरी 2000 को हवेली खड़गपुर थाना में मामला दर्ज किया गया. जिसके बाद पुलिस ने अपने अनुसंधान के क्रम में आरोपियों को दोषी पाया. जिसका ट्रायल मुंगेर व्यवहार न्यायालय में FTC 1st के न्यायाधीश विमल कुमार सिन्हा के कोर्ट में चला. आज न्यायाधीश ने इस मामले में तीन लोगों को क्रमशः अंगूर पासवान, मो. अब्बास व नेमंचूस मिया को IPC की धारा 364/34 के तहत आठ वर्ष और 120(B) के तहत 2 वर्ष एवं 10-10 हजार रुपया आर्थिक दंड की सजा सुनाई है. आठ वर्ष और दो वर्ष की दोनों सजा एक साथ चलेगी. इस मामले मुंगेर व्यवहार न्यायालय में FTC 1st के न्यायाधीश विमल कुमार सिन्हा ने छह फरवरी 21 को मोहन दास व सोहन दास को बरी कर दिया है.
मो. इम्तयाज खान की रिपोर्ट