द एचडी न्यूज डेस्क : गोपालगंज में पुल के एप्रोच सड़क टूटने के बाद जमकर सरकार की गुरुवार से फजीहत हो रही है, लेकिन सरकार अपनी फजीहत से सबक लेने के बदले और फजीहत कराने पर तूली है. विभाग की लापरवाही के कारण जो एप्रोच पथ टूटा उसमें विभाग के इंजीनियर और ठेकेदारों पर कार्रवाई करने के बदले प्रशासन ने ग्रामीणों पर केस दर्ज कराया दिया है. आरोप लगाया गया है कि ग्रामीणों ने सड़क को काटा है.
गुरुवार की रात डीएम और एसपी ने घ्वस्त रोड जायजा लिया. डीएम अरशद अजीज ने बताया कि बुधवार को कटाव के बाद जब अभियंताओं की टीम मरम्मत करने गयी थी तब भी ग्रामीणों के द्वारा कटाव निरोधी कार्य रोक दिया गया था और काम को बाधित किया गया था. जबकि गुरुवार को अप्रोच रोड टूटने के बाद कुछ स्थानीय नेताओं के द्वारा लॉकडाउन के बावजूद यहां धरना और प्रदर्शन किया गया. जिसको लेकर उनके आदेश पर बैकुंठपुर सीओ ने एक दर्जन से ज्यादा लोगो पर प्राथमिकी दर्ज कराने का आवेदन दिया है.
जब नीतीश सरकार और पथ निर्माण विभाग की किरकिरी होने लगी तो विभाग के मंत्री नंद किशोर यादव सामने आए और सफाई दी कि सत्तर घाट का पुल नहीं टूटा है. एक छोटा पुल का एप्रोट पथ टूटा. मंत्री ने टूटने का कारण बाढ़ के पानी को प्राकृतिक आपदा बताया था, लेकिन प्रशासन ने तीन-तीन अलग केस दर्ज कराकर ग्रामीणों को ही इसका दोषी मान रहा है.