रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 1932 खतियान और स्थानीय नीति पर बड़ा ऐलान कर दिया है. जिससे विरोधियों की बोलती बंद होती नजर आ रही है. सीएम हेमंत ने कहा है कि राज्य की स्थानीय नीति जनमानस की भावना के अनुरूप ही बनेगी. वे शुक्रवार को विधानसभा के बजट सत्र के समापन के मौके पर बोल रहे थे. मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि इनका काम सिर्फ आग लगाना है और इसमें इन्हें महारत हासिल है. उन्होंने कहा कि सबकी सहमति बनाकर ही स्थानीय नीति पर आगे बढ़ेंगे. इसके अलावा वैधानिक पहलुओं को भी सरकार देखेगी.
राज्य में कई बार सर्वे हुआ. वर्ष 1911, 1931 में हुआ तो 1993 और 2005 में. किस सर्वे के आधार पर खतियान आधारित स्थानीयता नीति लागू करें और किसे छोड़ दें? आग लगाना आसान है और बुझाना कठिन है. विपक्ष का तो काम ही आग लगाना है. आग लगाने में इन्हें मास्टर डिग्री प्राप्त है. दो दिनों से मेरे बारे में तरह-तरह की बातें कही जा रही थी. कोई मूर्ख मंत्री कह रहा था तो कोई फर्जी. पिछली सरकार ने राज्य के नौजवानों को छलने का काम किया. भाषा के नाम पर यहां के आदिवासियों और मूलवासियों की नौकरियां छिनी.
सीएम ने कहा कि बहुत जल्द पुरानी पेंशन योजना लागू करेंगे. अन्य राज्य अभी सोच ही रहे हैं. उन्होंने कहा कि पारा शिक्षकों की तरह अन्य अनुबंध कर्मियों की समस्याओं का भी समाधान होगा. पिछली सरकार पारा शिक्षकों को कोढ़ समझती थी. वर्तमान सरकार ने 60 साल तक सेवा स्थायी की. कल्याण विभागों के छात्रावासों में छात्रों के लिए अब मुफ्त भोजन की भी व्यवस्था होगी. वहां रसोइया और गार्ड नियुक्त होंगे.
उन्होंने कहा कि छात्रावासों का सुदृढ़ीकरण भी कराया जाएगा. राज्य सरकार छात्रवृत्ति में न्यूनतम तीन गुना की वॄद्धि करेगी. उन्होंने कहा कि कोल इंडिया पर झारखंड का 1.36 लाख करोड़ रुपए बकाया है. यह राज्य का अधिकार और वे इसे लेकर रहेंगे. अगर यह राशि नहीं मिली तो कोयला-खनिज पर बैरिकेडिंग और ताला लगाएंगे.
गौरी रानी की रिपोर्ट