PATNA: ये खबर अजब-गजब है लेकिन सच है। बिहार के राजगीर से गया तक ट्रेन से इस तरह की यात्रा आपने पहले नहीं सुनी होगी। शुक्र इस बात की है युवक की जान बच गई। आईये अब आपको पूरी खबर बताते हैं। कहावत पुरानी है मगर इस संदर्भ में चरित्रार्थ है। जाके राखो साया मार सके ने कोय।
मामला वाराणसी सारनाथ बुद्ध पूर्णिमा एक्सप्रेस की है जो राजगीर से खुली थी, जो कई किलोमीटर की दूरी तय कर गया जंक्शन को अहले सुबह पहुंची थी। जब ट्रेन के ड्राइवर इंजन से बाहर निकला तो किसी के रोने की आवाज सुनाई पड़ी और ट्रेन के ड्राइवर ने इंजन के निचले हिस्से में झांककर देखा तो वह भी भौंचक व हैरान रह गया।
डाईवर ने देखा कि एक युवक इंजन के संकीर्ण जगह पर बैठा हुआ है। इसके बाद रेल यात्रियों की मदद से युवक को बाहर निकाला गया। ट्रेन के इंजन में सफर कर रहे युवक को सुरक्षित बाहर निकाला गया लेकिन उसकी पहचान नहीं हो सकी। इस बीच वह गायब भी हो गया। युवक इंजन के संकीर्ण हिस्से में कहां से बैठा यह पता नहीं चल सका है। हालांकि अनुमान लगाया जा रहा है कि राजगीर से गया आने के दौरान वह चढ़ा होगा। चालक ने इस मामले की जानकारी रेलवे के अधिकारी को दी।
वहीं आरपीएफ को भी इसकी सूचना दी गई। रेल सूत्रों के अनुसार इंजन के संकीर्ण हिस्से में किसी व्यक्ति का बैठकर इस तरह जाना कठिन है। ऐसे में इस तरह की हरकत करने वाले के साथ बड़ी घटना की पूरी आशंका रहती है। फिलहाल रेलवे के अधिकारी इस संबंध में कुछ बताने से परहेज कर रहे हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि राजगीर में इंजन यार्ड में खड़ा होगी, तब वह युवक बैठा होगा। गनीमत रही कि विक्षिप्त कहे जाने वाले युवक की जान बच गई।
पटना से कुमार गौतम की रिपोर्ट