अलीगढ़ : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को मिली शिकायत के बाद अलीगढ़ जिला प्रशासन ने बंसाली गांव में एक ईंट भट्टे से 127 बंधुआ मजदूरों को छुड़ाया है. इन लोगों में 67 बच्चे भी शामिल हैं. छुड़ाए गए सभी लोगों को बिहार के नवादा भेज दिया गया है. खबरों के मुताबिक, पिछले महीने मजदूरों में से एक मजदूर ने ईंट भट्ठा मालिक के रिश्तेदार द्वारा एक नाबालिग लड़की के साथ कथित यौन उत्पीड़न करने की एफआईआर दर्ज कराई थी.
इसके बाद संदिग्ध को गिरफ्तार करके न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. इसके बाद मजदूरों ने कहा था कि उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है और वे यहां असुरक्षित महसूस करते हैं. लिहाजा वे अपने घर वापस जाना चाहते हैं.
मजदूरों ने 25-25 हजार रुपए एडवांस में लिए थे
इगलास के उपमंडल मजिस्ट्रेट कुलदेव सिंह ने कहा कि आरोपों की जांच के लिए जिला मजिस्ट्रेट द्वारा तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया था और पूछताछ के दौरान यह पाया गया कि मजदूर बिहार वापस जाना चाहते हैं. लिहाजा उनके लिए एक बस की व्यवस्था की गई और वे मंगलवार को रवाना हुए. अधिकारियों ने बताया कि हर मजदूर को प्रति 1,000 ईंटें बनाने पर 400 रुपए दिए जाते थे. यहां काम करने के लिए आने से पहले मजदूरों ने 25-25 हजार रुपए एडवांस में लिए थे. इसके अलावा पुलिस ने श्री राधे ईट उद्योग की मालकिन मुन्नी देवी और उसके बेटे जितेंद्र सिंह के खिलाफ बंधुआ श्रम प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम 1976 की धारा 16, 17 के तहत मामला दर्ज किया है.