राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत न्याय यात्रा का नाम बदल दिया है। अब इसे भारत जोड़ो न्याय यात्रा कहा जायेगा। गुरुवार को हुई वरिष्ठ नेताओं की बैठक में यह फैसला लिया गया हैं , जिसकी जानकारी महासचिव जयराम रमेश ने दी। उन्होंने कहा कि पिछले साल 5 महीने तक चली राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से लोग काफी जुड़े हुए थे और यह नाम लोगों के दिलों में बस गया था। इसलिए हम नई यात्रा में भारत जोड़ो नाम भी शामिल कर रहे हैं। जयराम रमेश ने कहा, ‘महासचिवों, प्रभारियों, प्रदेश अध्यक्षों और विधानसभाओं में विपक्षी नेताओं की बैठक में यह फैसला लिया गया।
उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा एक ब्रांड बन गयी है, इसने लोगों के दिलों में जगह बना ली है। हमें उन्हें नहीं भूलना चाहिए। इस यात्रा ने कन्याकुमारी से श्रीनगर तक की दूरी तय की और इसका असर देखने को मिला। इस दौरान जयराम रमेश ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा का रूट मैप भी पेश किया। उन्होंने कहा कि यह 14 जनवरी को दोपहर 12 बजे हिंसा प्रभावित मणिपुर की राजधानी इंफाल से शुरू होगी। इस मार्च का कुल रूट 6700 किलोमीटर लंबा होगा। उन्होंने कहा कि यह 66 दिनों की यात्रा होगी और राहुल गांधी रोजाना दो बार भाषण देंगे।
आज की बैठक के बाद रूट में बदलाव किया गया कि इसे अरुणाचल प्रदेश तक भी ले जाया जाएगा। जयराम रमेश ने कहा कि हमारी चर्चा में यह भी चर्चा हुई कि अरुणाचल प्रदेश को भी शामिल किया जाए, जो हमेशा से हमारे मन में था। यह यात्रा गुजरेगी। अरुणाचल समेत 15 राज्यों से होते हुए। दरअसल, शुरुआत में कांग्रेस ने अरुणाचल के पासीघाट से गुजरात के पोरबंदर तक यात्रा की योजना बनाई थी। फिर मणिपुर में हिंसा को देखते हुए कांग्रेस ने अपनी योजना बदल दी और मणिपुर से मुंबई तक मार्च करने का फैसला किया। हालांकि, बीजेपी नेता ने सवाल उठाया था कि क्या कांग्रेस ने चीन को खुश करने के लिए अरुणाचल छोड़ा है।
विपक्षी नेताओं को भी मिलेगा न्योता, यूपी में होगी 1000 किमी की यात्रा
इस यात्रा के तहत 1000 किलोमीटर का सबसे लंबा रास्ता यूपी में तय किया जाएगा. इस राज्य से कांग्रेस का सिर्फ एक सांसद है। ऐसे में देखने वाली बात ये होगी कि उनकी मेहनत यहां कितना असर डालती है। पश्चिम बंगाल के 7 जिलों में 523 किलोमीटर की यात्रा होगी, जो 5 दिनों तक चलेगी। जयराम रमेश ने कहा कि इस यात्रा में विपक्षी गठबंधन इंडिया के सभी नेताओं को बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मार्च के तहत 15 राज्यों के कुल 110 जिलों को कवर किया जाएगा। गौरतलब है कि भारत जोड़ो यात्रा की सफलता पर अभी भी सवाल उठाए जा रहे हैं क्योंकि यात्रा के दौरान ही पार्टी को गुजरात में हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्हें तीन हिंदी भाषी राज्यों में हार का सामना करना पड़ा।