JHARKHAND:-
साहिबगंज में 1000 करोड़ के अवैध खनन के मामले में मुख्य गवाह विजय हांसदा को प्रभावित करने के मामले में साहिबगंज एसपी नौशाद आलम से ईडी ने मंगलवार को लंबी पूछताछ की. मंगलवार की सुबह 10 बजे नौशाद आलम ईडी दफ्तर पहुंचे और रात के 11ः45 में बाहर निकले. जानकारी के अनुसार ईडी के अधिकांश सवालों का नौशाद आलम के द्वारा गोल मटोल जवाब दिया गया.एजेंसी के अफसरों के मुताबिक, विजय हांसदा की दिल्ली के लिए टिकट बुक कराने को लेकर सवाल पूछा गया. इस सवाल के जवाब में उन्होंने बताया है कि विजय हांसदा को सुरक्षा कारणों से बॉडीगार्ड उपलब्ध कराया गया था. बॉडीगार्ड के बाहर जाने की परमिशन डीआईजी के जरिए मिल गई थी, इसके बाद उनके रेल पास भी हो गए थे, तब बॉडीगार्ड्स के ही कहने पर उन्होंने टिकट रांची के कनीय पुलिस अधिकारी से कराया था. हालांकि ईडी के अधिकारी उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुए. इस मामले में ईडी के क्रॉस सवालों का जवाब भी नौशाद आलम ने सही से नहीं दिया
दरअसल एजेंसी यह जानना चाहती है कि आखिरकार नौशाद आलम ने किस राजनेता या फिर किस सरकारी अधिकारी के कहने पर विजय हांसदा को सुविधाएं मुहैया कराईं. पर्दे के पीछे वे कौन लोग हैं, जिनके कहने पर गवाह को प्रभावित करने की कोशिश की गई. मंगलवार को ऐसे सभी सवाल नौशाद आलम से किए गए, लेकिन उन्होंने इन मामलों से जुड़े किसी भी सवाल का जवाब ईडी को नहीं दिया.
ईडी को आईपीएस अधिकारी नौशाद आलम के खिलाफ अवैध संपत्ति अर्जित करने की शिकायतें मिली थीं. रांची में पोस्टिंग के दौरान जमीन कब्जाने, बालू और कोयले की तस्करी के जरिए पैसे बनाने का आरोप नौशाद आलम पर है. ऐसे में ईडी ने नौशाद आलम व उनके आश्रितों के चल- अचल संपत्ति, बैंक खातों की पूरी जानकारी मांगी है. हलफनामा के जरिए उन्हें यह जानकारी एजेंसी को उपलब्ध करानी है. नौशाद आलम पर आरोप है कि साहिबगंज में बतौर एसपी पोस्टिंग किए जाने के बाद उन्होंने विजय हांसदा को प्रभावित किया, इसके बाद वह होस्टाइल हो गए.