JHARKHAND:-
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस्तीफा देंगे और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन राज्य की अगली CM बनेंगी। गोड्डा से भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इस बात का दावा किया है। सांसद निशिकांत दुबे वहीं शख्स हैं, जिनके आरोपों के बाद TMC की महुआ माजी की संसद सदस्यता रद्द हो गई थी।
दरअसल, एक दिन पहले हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के गांडेय से विधायक सरफराज अहमद ने अचानक विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया है। इसके बाद गांडेय से कल्पना सोरेन को विधानसभा भेजने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
निशिकांत दुबे के तीन पोस्ट, कहा- गवर्नर को कानूनी सलाह लेनी चाहिए
निशिकांत दुबे ने सोमवार को 12 बजकर 22 मिनट पर पहली पोस्ट की। उन्होंने लिखा- झारखंड के गांडेय विधायक सरफराज अहमद ने विधानसभा से इस्तीफा दिया, इस्तीफा स्वीकार हुआ। हेमंत सोरेन जी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे, झारखंड की अगली मुख्यमंत्री उनकी पत्नी कल्पना सोरेन जी होंगी। नया साल सोरेन परिवार के लिए कष्टदायक।
निशिकांत दुब ने दूसरी पोस्ट दोपहर 1 बजकर 10 मिनट पर की। इसमें उन्होंने झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को टैग करते हुए लिखा- राज्यपाल को कानूनी सलाह लेनी चाहिए। झारखंड विधानसभा का गठन 27 दिसंबर 2019 को हुआ। सरफराज अहमद का इस्तीफा 31 दिसंबर को हुआ। एक साल से कम समय में चुनाव नहीं हो सकता।
इसी पोस्ट में दुबे ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन और छोटे भाई बसंत सोरेन को भी टैग किया और लिखा- यह पार्टी हेमंत सोरेन जी की नहीं, शिबू सोरेन जी की है। सीता सोरेन और बसंत सोरेन विधायक हैं। चम्पई जी, मथुरा जी, साइमन व लोबिन, नलिन जी के खून-पसीने की पार्टी का इतना बुरा हाल? वैसे गांडेय सीट NDA हर हाल में जीतेगी।
1 बजकर 30 मिनट पर दुबे ने तीसरी पोस्ट की और इसमें झारखंड के राज्यपाल और कांग्रेस को टैग करते हुए लिखा- मुम्बई हाईकोर्ट के काटोल विधानसभा के निर्णय के अनुसार अब गांडेय में चुनाव नहीं हो सकता। काटोल विधानसभा जब महाराष्ट्र में खाली हुआ, तब विधानसभा का कार्यकाल 1 साल 50 दिन बचा हुआ था।
सांसद ने लिखा- राज्यपाल महोदय यदि कल्पना सोरेन जी कहीं से विधायक नहीं बन सकती हैं तो मुख्यमंत्री कैसे बनेंगी? कांग्रेस पार्टी झारखंड को चारागाह बनाने की कोशिश कर रही है।
ED का CM को दिया गया 7वां समन
इन तीन पोस्ट के जरिए निशिकांत दुबे ने इशारा किया है कि कैसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अब तक ED की पूछताछ से बचते रहे हैं। जांच एजेंसी ने हेमंत सोरेन को सातवां समन भेजा था। इस समन में मुख्यमंत्री से ही पूछताछ की जगह, वक्त और तारीख तय करने के लिए कहा था।
मुख्यमंत्री को जवाब के लिए रविवार तक का समय दिया गया था, हेमंत सोरेन ने इस समन का भी कोई जवाब नहीं दिया। ऐसे में संभावना है कि अब ईडी हेमंत सोरेन से पूछताछ के लिए कोई बड़ा फैसला ले सकती है। ऐसे में मुख्यमंत्री अपने पद के लिए किसी की तलाश में हैं। चर्चा है कि इस सीट से कल्पना सोरेन चुनाव लड़ेंगी और उन्हें मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
जांच से बच रहे हैं सीएम
जांच एजेंसी ने समन में लिखा है कि CM हेमंत सोरेन जान-बूझकर मामले की जांच से बच रहे हैं। जान-बूझकर समन की अवहेलना की जाती है तो ED के पास PMLA की धारा के तहत उचित कार्रवाई करने का अधिकार है। समन में यह भी कहा गया है कि छह नोटिस जारी करने पर भी आपकी ओर से निराधार कारण बताया गया और आप पूछताछ के लिए नहीं आए। इससे जांच प्रभावित होती है।
ED ने बताया आधार
ED ने लिखा है कि बड़गाईं अंचल के उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के घर से छापेमारी में जमीन से जुड़े कई अहम दस्तावेज मिले थे। ED उसकी जांच कर रही है। इसी मामले में पूछताछ के लिए समन जारी किया गया है। आपकी संपत्ति का भी विवरण प्राप्त करना है, इसलिए पूछताछ जरूरी है क्योंकि यह सरकारी दस्तावेजों से छेड़छाड़ का मामला है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समन जारी होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जांच एजेंसी से इसे वापस लेने को कहा था। उन्होंने कहा था कि हमने पहले ही अपनी संपत्ति की जानकारी दे दी हैं। अगर वह गुम हो गया है तो वे फिर से इसे उपलब्ध करा सकते हैं।
इससे पहले अवैध खनन मामले में ED ने हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए समन जारी किया था। उस दौरान वे जांच एजेंसी के ऑफिस गए थे और सवालों का जवाब दिया था। हेमंत सोरेन ने पूछताछ के दौरान संपत्ति से जुड़े दस्तावेज भी ED को उपलब्ध कराए थे।