Patna:-
29 अक्टूबर 2023 राजधानी पटना के एलिना रिसोर्ट में आज मैक्सवेल गौरव सम्मान 2023 का आयोजन किया गया, जिसमें आज तमिलनाडु के पूर्व डीजीपी श्री करुणा सागर के साथ कई गणमान्य लोगों को उनके विशिष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर दिल्ली से आए मोटीवेशनल स्पीकर और लेखक दीपक बजाज ने वहां मौजूद हजारों लोगों के समक्ष अपना व्याखान दिया। आपको बता दें कि वे अब तक 4 किताब 8 भाषा में लिखी है। इस असर पर अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि वे पहली बिहार हैं, जिसका श्रेय रविशंकर ओझा को जाता है, जिन्होंने बिहार के धरती पटना आने का अवसर प्रदान किया और यहां आकर मुझे बहुत अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि मैक्सवेल के संस्थापक रविशंकर ओझा, का प्रयास आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाकर बेहद सराहनीय कार्य कर रहे हैं, जो सभी के लिए प्रेरणा की बात है।
इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष यशस्वी भव: के फाउंडर डॉक्टर श्रीपति त्रिपाठी द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया। इस विशेष पर उन्होंने कहा कि बिहार के माटी के लाल रविशंकर ओझा जी और विजयशंकर ओझाजी ने बिहार के साथ साथ हिंदुस्तान का गौरव बढ़ाकर हमें गौरवान्वित किया है। उनका संबंध आर्युवेद के क्षेत्र में अन्योनाश्रय है और वे उसको सुनियोजित तरीके से आज आम जनमानस के बीच लेकर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि रविशंकर ओझा के पिताजी श्री सत्यदेव ओझा ने अपने संबोधन में 9 औषधियों के पेड़ पौधे की तुलना की और उसे नवदुर्गा कहा। उनके अनुसार, (1) *प्रथम शैलपुत्री (हरड़)* : कई प्रकार के रोगों में काम आने वाली औषधि हरड़ हिमावती है जो देवी शैलपुत्री का ही एक रूप है। यह आयुर्वेद की प्रधान औषधि है यह पथया, हरीतिका, अमृता, हेमवती, कायस्थ, चेतकी और श्रेयसी सात प्रकार की होती है।
उन्होंने आगे कहा कि (2) *ब्रह्मचारिणी (ब्राह्मी)* : ब्राह्मी आयु व याददाश्त बढ़ाकर, रक्तविकारों को दूर कर स्वर को मधुर बनाती है। इसलिए इसे सरस्वती भी कहा जाता है। (3) *चंद्रघंटा (चंदुसूर)* : यह एक ऎसा पौधा है जो धनिए के समान है। यह औषधि मोटापा दूर करने में लाभप्रद है इसलिए इसे चर्महंती भी कहते हैं। (4) *कूष्मांडा (पेठा)* : इस औषधि से पेठा मिठाई बनती है। इसलिए इस रूप को पेठा कहते हैं। इसे कुम्हड़ा भी कहते हैं जो रक्त विकार दूर कर पेट को साफ करने में सहायक है। मानसिक रोगों में यह अमृत समान है। (5) *स्कंदमाता (अलसी)* : देवी स्कंदमाता औषधि के रूप में अलसी में विद्यमान हैं। यह वात, पित्त व कफ रोगों की नाशक औषधि है। इसमे फाइबर की मात्रा ज्यादा होने से इसे सभी को भोजन के पश्चात काले नमक से भूंजकर प्रतिदिन सुबह शाम लेना चाहिए यह खून भी साफ करता हैं । (6) *कात्यायनी (मोइया)* : देवी कात्यायनी को आयुर्वेद में कई नामों से जाना जाता है जैसे अम्बा, अम्बालिका व अम्बिका.इसके अलावा इन्हें मोइया भी कहते हैं। यह औषधि कफ, पित्त व गले के रोगों का नाश करती है।
उन्होंने बताया कि (7) *कालरात्रि (नागदौन)* : यह देवी नागदौन औषधि के रूप में जानी जाती हैं। यह सभी प्रकार के रोगों में लाभकारी और मन एवं मस्तिष्क के विकारों को दूर करने वाली औषधि है। यह पाइल्स के लिये भी रामबाण औषधि है इसे स्थानीय भाषा जबलपुर में दूधी कहा जाता है। (8) *महागौरी (तुलसी)* : तुलसी सात प्रकार की होती है सफेद तुलसी, काली तुलसी, मरूता, दवना, कुढेरक, अर्जक और षटपत्र. ये रक्त को साफ कर ह्वदय रोगों का नाश करती है। एकादशी को छोडकर प्रतिदिन सुबह ग्रहण करना चाहिए। और (9) *सिद्धिदात्री (शतावरी)* : दुर्गा का नौवां रूप सिद्धिदात्री है जिसे नारायणी शतावरी कहते हैं। यह बल, बुद्धि एवं विवेक के लिए उपयोगी है। विशेषकर प्रसूताओं (जिन माताओं को ऑपरेशन के पश्चात अथवा कम दूध आता है) उनके लिए यह रामबाण औषधि है, इसका सेवन करना चाहिए।
मैक्सवेल के संस्थापक रविशंकर ओझा के सहयोग में उनके छोटे भाई जयशंकर ओझा विष्णुशंकर ओझा प्रेमशंकर ओझा हर पल साथ थे। मैक्सवेल के फाउंडर प्रेमशंकर ओझा जी ने बताया कि वैसा बेद जो आयु को बढ़ा दे। उसे आयुर्वेद बोलते है ।आयुर्वेद/हर्बल हजारों साल पुराना चिकित्सा पद्धति है जिसको प्रत्येक व्यक्ति को उपयोग करना चाहिए इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है । हाल में ही कोरोना हमलोगो को सिखाया की पैसा कमाने के साथ साथ स्वास्थ्य पर ध्यान देना बहुत जरूरी है जिसमे हर्बल की अहम भूमिका है,आज के समय में आयुर्वेद का उपयोग जरूरी नहीं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मजबूरी है ।
मैक्सवेल का सफलतापूर्वक पांचवा बर्षगाठ बहुत धूमधाम से मनाया गया, जिसमे सैकड़ों लोगो को अभूतपूर्व योगदान के लिए मैक्सवेल गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया ।
मनोज कुमार, संतोष कुमार, सुधीर, ओम प्रकाश, प्रवीण शैलेंद्र, शशि, चंद्रभूषण, सुनील, राजकुमार, बजरंगबली, हरेश मिश्रा, अमर, प्रमोद, रणधीर, मुकेश, अशोक, मनोरंजन, कमलेश, उमाशंकर, सतेन्द्र, अभिषेक, अमरेंद्र, रुद्र, शिवम, मुटन, काशी, सुभाष, सत्यदेव, उपेंद्र, मनीष,
बिनोद, सुरेश, पिंटू, राजबली, शिवकुमारी, अनिता, पूनम, मंजूषा, रेखा, उर्मिला, फूलझारो, सबिता, सृष्टि, रिया, किरण, विभा, मधु, नीति, अमित, संजेश, हरेराम, निकू, रंजय, अक्षय, चंदन, अमन आदि लोगों को सर्टिफिकेट के साथ सम्मान भी प्रदान किया गया।।