ROHTAS:-
अपना आशियाना छीन जाने का दर्द पीड़ा व कसक ,टीस क्या होती है कोई डालमियानगर क्वार्टर वासियों से जान सकता है एक तरफ़ इस कड़ाके की चुभन भरी ठंड में लोग जहां अपने घरों में दुबके है वही इस हाड़ कंपकपाती ठंड में डालमियानगर के क्वार्टर से लोग 7 दिसंबर को बेघर हो गए है और क्वार्टर को शील कर दिया गया है वही क्वार्टर के जो लोग है वो क्वार्टर के बाहर डेरा जमाए माननीय न्यायालय के फैसले के इंतजार में है क्योंकि आगामी 8 जनवरी 2024 को कोर्ट का फैसला आने वाला है ऐसे में यकीन है कि उन्हें उनका आशियाना फिर से मिल सकता है तथा उनका उजड़ा हुआ घर बस सकता है।
दअरसल बिगत तारिक को कोर्ट के निर्देश पर पहले फेज में प्रशासन ने डालमियानगर के 813 आउट साइडर्स क्वार्टर से 69 क्वार्टर में रहने वाले लोगो को खाली करा उनके क्वार्टर को सील कर दिया था पर अब भी सैकड़ों परिवार क्वार्टर के सामने हो डेरा जमाए इस कड़कड़ाती हाड़ कम्पा देने वाली ठंड में बैठे है क्या बच्चे क्या बुजुर्ग और क्या महिलाएं सब बस अपने आशियाना एक फिर मिलने की आस में एक एक दिन गिन कर दर्द व बेबसी की जीवन काट रहें है।
कवार्टर वासी को कहना है की 25 से 30 वर्षो से हमलोग यहां रहते है अब हमलोग के पास इतना पैसा नही है की हमलोग किराए के मकान में जाए अब हमलोग जाए तो कहा जाए इस ठंड में छोटे छोटे बच्चे के साथ किसी तरह एक एक दिन काट रहे है और किसी तरह गुजर बसर कर रहे है, अब हमलोग के पास ये ही सहारा है की कोर्ट का फैसला आने वाला है ।
वही सनी कुमार जो क्वार्टर वासी है वो कहते है की किसी तरह मां पिता बहन किसी तरह झोपड़ी लगा कर इस ठंड में जीवन यापन कर रहे है मेरा जन्म इसी क्वार्टर में हुआ था पिता जी का भी काम बंद हो चुका है अब हमलोग के पास कुछ भी नही बचा है 8 जनवरी को फैसला आना है हमलोग उम्मीद और आस लगाए बैठे है क्वार्टर का चाभी हमलोग को मिल जायेगा ।
वही राधा देवी बताती है की हाथ पकड़ कर प्रशासन द्वारा खाली करा दिया गया है छोटे छोटे बच्चे को लेकर किसी तरह गुजर बसर कर रहे है रात में इस कड़ाके की ठंड और सित में हमलोग रहते है अगर क्वार्टर नही मिलता है तो जान दे देंगे लकड़ी और कोयले की चूल्हे पर खाना बना कर किसी तरह गुजर बसर कर रहे है ।