Nalanda:
क्रिसमस को लेकर देवीसराय स्थित बिहार शरीफ का एकमात्र चर्च में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। हर साल की तरह इस साल भी लोग 25 दिसंबर यानी क्रिसमस का त्योहार धूमधाम से मना रहे हैं। इसे लेकर लोगों में खूब उत्साह और उमंग देखने को मिल रहा हैं। इस मौके पर बिहार शरीफ और हरनौत में स्थित गिरिजाघरों में प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया गया हैं। जहां बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। इससे पहले, बाजारों में भी क्रिसमस को लेकर खूब रौनक दिखी। गौरतलब है कि क्रिसमस का त्योहार साल के आखिर में आता है, ऐसे में इसे साल का सबसे बड़ा आखिरी त्योहार भी कहा जाता है। भारत के साथ-साथ कई देशों में क्रिसमस डे बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं।
क्रिसमस डे क्यों मनाया जाता है?
कई इतिहास-कारों के अनुसार, यह त्योहार प्रभु यीशु के जन्म के बाद से मनाया जाने लगा। ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार, 25 दिसंबर को भगवान यीशु यानी जीसस क्राइस्ट का जन्म हुआ था। यही कारण है कि देश-दुनिया में हर साल इस दिन को क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है। क्रिसमस का विशेष व्यंजन केक है, जिसके बिना क्रिसमस अधूरा होता है।
इस दिन केक काट मनाया जाता है क्रिसमस
ईसाई धर्म के लोगों के लिए इस दिन केक बहुत मायने रखता है। इस दिन लोग जन्मदिन की तरह केक काटते है और अपने परिवार के लोगों को केक खिलाकर क्रिसमस और यीशु के जन्मदिन की बधाई देते हैं। क्रिसमस पर्व सुख-शांति और खुशी का संदेश देता है। क्रिसमस अद्वितीय और महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व वाला एक खुशी का अवसर है।