DESK:- बिहार में कोरोना वायरस के बाद से सियासी गलियारे से जुड़ी एक खबर ने बिहार में कोरोना के कहर को थोड़ा कम कर दिया है. जी हां दरअसल सीएम नीतीश कुमार और हम अध्यक्ष जीतन राम मांझी की मुलाकात ने बिहार के सियासी पारे को चढ़ा दिया है. जिसके बाद से महागठबंधन पर संकट के बादल मंडराते दिख रहे हैं.


मांझी को मिला कांग्रेस का साथ !

महागठबंधन में शामिल सभी पार्टियां भले ही ऑल इज वेल कहें लेकिन महागठबंधन में गांठ तो पड़ ही गई है. हालांकि महागठबंधन में मुद्दे तो कई है लेकिन फिलहाल हम अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग को लेकर आरजेडी के सामने इस महीने तक का अल्टीमेटम दे दिया है. अब इस मांग को लेकर मांझी को कांग्रेस का साथ भी मिलता दिख रहा है. कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने कहा है कि मांझी जी की मांग बिल्कुल सही है. महागठबंधन की बड़ी पार्टी होने के नाते आरजेडी को इसके लिए पहल करनी चाहिए, सभी घटक दलों को विश्वास में लेने की जरुरत है ताकि चुनाव के लिए रणनीति बनाई जा सकी, क्योंकि चुनाव होने में महज 6 महीने का समय बचा है.

जाहिर है महागठबंधन में जिस तरह से इस समय किचकिच मची हुई है उसे देखते हुए ये कहना गलत नहीं होगा कि इसका खामियाजा महागठबंधन के सभी दलों को भुगतना पड़ सकता है , क्योंकि जिस तरह से जीतन राम मांझी ने कहा कि हम महागठबंधन में बने रहेंगे इतना ही नहीं इसका स्वरूप भी बड़ा होगा, उसको देखकर ये साफ कहा जा सकता है कि मांझी अब अपनी मांग से पीछे हटने वाले नहीं है.

